आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत का कदम-2-

Started by Atul Kaviraje, August 02, 2025, 10:47:34 AM

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Atul Kaviraje

आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत का कदम-

6. ऊर्जा सुरक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा ☀️🔋 (ऊर्जा)
ऊर्जा आत्मनिर्भरता किसी भी राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण है। भारत सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देकर अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में काम कर रहा है। यह आयातित जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करता है और पर्यावरण की रक्षा करता है।

उदाहरण: भारत में दुनिया के सबसे बड़े सौर ऊर्जा संयंत्रों में से कुछ स्थापित किए जा रहे हैं, जो स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन कर रहे हैं।

7. शिक्षा और कौशल विकास 🎓👷 (कौशल)
एक कुशल कार्यबल आत्मनिर्भरता की कुंजी है। सरकार ने शिक्षा प्रणाली में सुधार और युवाओं को विभिन्न उद्योगों के लिए प्रशिक्षित करने के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित किया है। इसका उद्देश्य रोजगार क्षमता बढ़ाना और उद्यमिता को बढ़ावा देना है।

उदाहरण: 'स्किल इंडिया' मिशन ने लाखों युवाओं को विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षित किया है, जिससे उन्हें रोजगार के अवसर मिले हैं।

8. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को समर्थन 🤝💼 (छोटे व्यवसाय)
MSMEs भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। सरकार ने इन उद्यमों को वित्तीय सहायता, तकनीकी उन्नयन और बाजार पहुंच प्रदान करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। ये उद्यम रोजगार पैदा करते हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देते हैं।

उदाहरण: 'मुद्रा योजना' ने छोटे उद्यमियों को बिना किसी जमानत के ऋण प्रदान करके उन्हें अपने व्यवसाय शुरू करने और विकसित करने में मदद की है।

9. रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता 🛡�⚔️ (सुरक्षा)
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत अब रक्षा उपकरणों के आयात पर अपनी निर्भरता कम कर रहा है और घरेलू स्तर पर हथियार, गोला-बारूद और सैन्य वाहनों का उत्पादन कर रहा है।

उदाहरण: 'तेजस' लड़ाकू विमान और 'अर्जुन' टैंक जैसे स्वदेशी रूप से विकसित रक्षा उत्पाद भारत की बढ़ती रक्षा क्षमताओं के प्रतीक हैं।

10. वैश्विक सहयोग और कूटनीति 🌍🤝 (भागीदारी)
आत्मनिर्भरता का मतलब अलगाव नहीं है। भारत वैश्विक सहयोग और कूटनीति के माध्यम से अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है। यह वैश्विक चुनौतियों का सामना करने और साझा समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अन्य देशों के साथ साझेदारी कर रहा है।

उदाहरण: भारत विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सक्रिय रूप से भाग लेता है और जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और आर्थिक विकास जैसे मुद्दों पर वैश्विक समाधानों में योगदान देता है।

निष्कर्ष: आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत का कदम एक सतत प्रक्रिया है जिसमें दृढ़ संकल्प, नवाचार और सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। यह न केवल भारत को आर्थिक रूप से मजबूत करेगा बल्कि इसे वैश्विक मंच पर एक सशक्त और जिम्मेदार राष्ट्र के रूप में स्थापित करेगा।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-01.08.2025-शुक्रवार.
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