तिशा ब'अव: शोक और आशा का दिन-☀️🙏😔🔥🏛️💔🌍⚔️🚫😢🎶🤔🧘‍♂️🌟✨🏆🤝❤️🌱

Started by Atul Kaviraje, August 04, 2025, 10:16:17 AM

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Atul Kaviraje

भक्तिभाव पूर्ण हिंदी कविता-

तिशा ब'अव: शोक और आशा का दिन-

१.
आज है रविवार, अव की नौवीं तिथि, ✨
तिशा ब'अव का गहरा है शोक, सुनो गाथा यही। 😔
मंदिर हुए ध्वस्त, आशाएँ टूटी,
इतिहास की पीड़ा, हर दिल में फूटी। 💔

अर्थ: आज रविवार है, अव माह की नौवीं तारीख। यह तिशा ब'अव का दिन है, जिसका शोक गहरा है, इसी गाथा को सुनो। मंदिर ध्वस्त हुए, आशाएं टूट गईं, इतिहास का दर्द हर दिल में फूट पड़ा।

२.
रोमियों ने ढाया, मंदिर द्वितीय, 🏛�
बाबुलियों ने तोड़ा, पहला भी प्रिय। 🔥
निर्वासन की राहें, बिखरे हैं लोग,
त्रासदियों का मेला, हर युग का भोग। 🌍

अर्थ: रोमनों ने दूसरे मंदिर को गिराया, बाबुलियों ने पहले प्यारे मंदिर को तोड़ दिया। निर्वासन के रास्ते खुले, लोग बिखर गए, हर युग में त्रासदियों का मेला लगा रहा।

३.
बार कोखबा की हार, जेरुसलम का गम, ⚔️
प्रवेश निषिद्ध, आंखों में है नम। 🚫
विलाप की पुस्तक, पढ़ी जाती आज,
आंसू बहाते हैं, शोक में समाज। 😢

अर्थ: बार कोखबा की हार हुई, जेरुसलम दुखी है। प्रवेश वर्जित है, आँखों में नमी है। विलाप की पुस्तक आज पढ़ी जाती है, समाज शोक में आँसू बहाता है।

४.
अकारण घृणा ने, सब कुछ हर लिया,
आत्मचिंतन का, आज है अवसर दिया। 🤔
पश्चाताप करें हम, हृदय को धो लें,
अपनी गलतियों को, आज हम टटोलें। 🧘�♂️

अर्थ: अकारण घृणा ने सब कुछ छीन लिया। आज आत्मचिंतन का अवसर दिया गया है। हम पश्चाताप करें, हृदय को शुद्ध करें, और आज अपनी गलतियों को टटोलें।

५.
मोशीच की आशा, दिल में है कायम, 🌟
नया मंदिर बनेगा, यह विश्वास कायम। ✨
आएंगे मुक्तिदाता, ले जाएंगे हमें,
खुशियों के पल फिर, मिलेंगे हमें। 🏆

अर्थ: मोशीच (मसीहा) की आशा दिल में कायम है, नया मंदिर बनेगा, यह विश्वास भी कायम है। मुक्तिदाता आएंगे और हमें ले जाएंगे, खुशियों के पल फिर हमें मिलेंगे।

६.
एकजुट हो समुदाय, दर्द को बांटे, 🤝
भाईचारे की भावना, कभी न छांटे। ❤️
शिकायत नहीं कोई, बस सीखना है,
एक बेहतर कल की, राहें देखना है। 🌱

अर्थ: समुदाय एकजुट होकर दर्द बांटे, भाईचारे की भावना कभी कम न हो। कोई शिकायत नहीं, बस सीखना है, और एक बेहतर कल का रास्ता देखना है।

७.
यह दिन सिखाता, धैर्य और सहनशीलता,
विश्वास में रहना, यही है असल में शीलता। 🙏
अंधेरे के बाद, प्रकाश जरूर आता,
तिशा ब'अव से, यह सत्य उभर आता। ☀️

अर्थ: यह दिन धैर्य और सहनशीलता सिखाता है। विश्वास में रहना ही सच्ची शालीनता है। अँधेरे के बाद प्रकाश ज़रूर आता है, तिशा ब'अव से यह सत्य उभर कर सामने आता है।

चित्र, प्रतीक और इमोजी

सूर्य: ☀️ (उगता सूरज, आशा का प्रतीक, दिन का अंत और शुरुआत)

हाथ जोड़ना: 🙏 (शोक, प्रार्थना, उपवास)

उदास चेहरा: 😔 (शोक, दुख)

आग: 🔥 (विनाश, मंदिर का जलना)

खंडहर: 🏛�💔 (विनाश, टूटे हुए मंदिर)

दुनिया/ग्लोब: 🌍 (निर्वासन, फैलाव)

तलवारें क्रॉस में: ⚔️ (विद्रोह, युद्ध, हार)

नो एंट्री साइन: 🚫 (प्रवेश निषेध)

रोता हुआ चेहरा: 😢 (विलाप, आंसू)

संगीत नोट्स: 🎶 (भजन, प्रार्थना)

सोचता हुआ चेहरा: 🤔 (आत्मनिरीक्षण, पश्चाताप)

योग करता व्यक्ति: 🧘�♂️ (आध्यात्मिक जागृति, चिंतन)

चमकते सितारे: 🌟✨ (मोशीच की आशा, भविष्य)

ट्रॉफी: 🏆 (विजय, भविष्य की उम्मीद)

हाथ मिलाना: 🤝 (सामुदायिक एकजुटता)

लाल दिल: ❤️ (सहानुभूति, प्रेम)

पौधा उगना: 🌱 (सीखना, विकास, भविष्य)

इमोजी सारांश
☀️🙏😔🔥🏛�💔🌍⚔️🚫😢🎶🤔🧘�♂️🌟✨🏆🤝❤️🌱

--अतुल परब
--दिनांक-03.08.2025-रविवार.
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