श्रावणी सोमवार शिवपूजन-शिवमूठ-तिल-सोमवार, 4 अगस्त 2025-🕉️🔱🌿🔔🧘‍♀️✨🌅🌞💧🙏

Started by Atul Kaviraje, August 05, 2025, 10:41:05 AM

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Atul Kaviraje

श्रावणी सोमवार शिवपूजन-शिवमूठ-तिल-

आज सोमवार, 4 अगस्त 2025, श्रावण माह का पहला सोमवार है। यह दिन भगवान शिव की पूजा के लिए अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।

श्रावणी सोमवार शिवपूजन: महत्व और भक्तिभाव
श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित होता है और इस महीने के सोमवार का विशेष महत्व है। माना जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिव ब्रह्मांड का संचालन करते हैं, और जो भक्त इस दौरान उनकी पूजा करते हैं, उन्हें महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

1. श्रावणी सोमवार का महत्व:
श्रावण मास में भगवान शिव माता पार्वती के साथ पृथ्वी पर विचरण करते हैं। इसलिए इस माह में की गई पूजा, व्रत और आराधना शीघ्र फलदायी मानी जाती है। विशेषकर सोमवार का दिन शिवजी को अति प्रिय है।

2. शिवमूठ का विधान:
श्रावण सोमवार के दिन शिवमूठ चढ़ाने की परंपरा है। इसमें हर सोमवार को अलग-अलग अनाज की एक मुट्ठी (मूठ) भगवान शिव को अर्पित की जाती है। यह एक प्रतीकात्मक क्रिया है जो अन्नदान और प्रकृति के प्रति सम्मान दर्शाती है।

3. पहले सोमवार की शिवमूठ: 'तिल'
श्रावण के पहले सोमवार को तिल की शिवमूठ चढ़ाई जाती है। तिल का संबंध शनि देव से भी है और भगवान शिव को तिल चढ़ाने से शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है, साथ ही पापों का शमन होता है। यह आरोग्य और समृद्धि का प्रतीक भी है।

4. पूजा विधि:
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर के मंदिर में या शिव मंदिर में शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, अक्षत, चंदन, फूल और तिल चढ़ाएं। 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें।

5. व्रत का संकल्प:
जो भक्त व्रत रखते हैं, वे पूजा से पहले व्रत का संकल्प लें। दिन भर फलाहार करते हुए सात्विक जीवन व्यतीत करें और शाम को आरती के बाद व्रत खोलें।

6. मनोकामना पूर्ति:
मान्यता है कि श्रावणी सोमवार का व्रत रखने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है और विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह पारिवारिक सुख-शांति और समृद्धि भी प्रदान करता है।

7. जल अभिषेक का महत्व:
श्रावण मास में भगवान शिव को जल चढ़ाने का विशेष महत्व है। समुद्र मंथन के बाद जब शिवजी ने विषपान किया था, तब देवताओें ने उन्हें शांत करने के लिए जल चढ़ाया था। तभी से जल अभिषेक की परंपरा चली आ रही है।

8. नकारात्मक ऊर्जा का नाश:
शिव पूजा और मंत्र जाप से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं। यह मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है।

9. उदाहरण सहित भक्तिभाव:
जैसे एक छोटा बच्चा अपनी माँ के आँचल में सुरक्षित महसूस करता है, वैसे ही भक्त भगवान शिव की शरण में आकर भयमुक्त हो जाता है। श्रावणी सोमवार का व्रत और पूजा हमें यही भक्तिभाव सिखाती है - पूर्ण समर्पण और विश्वास। उदाहरण के लिए, कई भक्त कांवड़ यात्रा के माध्यम से गंगाजल लाकर शिवजी का अभिषेक करते हैं, जो उनकी अटूट श्रद्धा को दर्शाता है।

10. आगामी श्रावण सोमवार की शिवमूठ:

दूसरा सोमवार: चावल (अक्षत)

तीसरा सोमवार: मूँग दाल

चौथा सोमवार: जौ

पांचवां सोमवार (यदि हो): सत्तू

दृश्य और इमोजी

भगवान शिव का शिवलिंग: जल, बेलपत्र और तिल चढ़ाते हुए। 🕉�🔱

शुभंकर (शुभ प्रतीक): त्रिशूल, डमरू। 🌿🔔

शांत ध्यान मुद्रा: भक्त भगवान शिव की भक्ति में लीन। 🧘�♀️✨

उगता सूरज: एक नई शुरुआत और पवित्रता का प्रतीक। 🌅🌞

जल कलश: अभिषेक के लिए पवित्र जल। 💧🙏

इमोजी सारांश
🕉�🔱🌿🔔🧘�♀️✨🌅🌞💧🙏

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-04.08.2025-सोमवार. 
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