🌹 श्री शंकरबाबा पुण्यतिथि: भक्ति की धारा 🌹🌹🙏🌳❤️🕊️✨

Started by Atul Kaviraje, August 06, 2025, 10:04:27 PM

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Atul Kaviraje

🌹 श्री शंकरबाबा पुण्यतिथि: भक्ति की धारा 🌹

(दिनांक: 6 अगस्त 2025, बुधवार)

चरण 1: श्रद्धा सुमन
कोल्हापूर की धरती पर, आज है पावन दिन,
श्री शंकरबाबा की पुण्यतिथि, श्रद्धा से मन लीन।
ज्ञान और भक्ति की, ज्योत जलाई थी,
उनके आदर्शों की, राह दिखाई थी।

अर्थ: आज कोल्हापूर में श्री शंकरबाबा की पुण्यतिथि का पवित्र दिन है, जहाँ सभी का मन श्रद्धा से भरा है। उन्होंने ज्ञान और भक्ति की ज्योति जलाई और हमें सही रास्ता दिखाया था।

चरण 2: समरसता का गान
जाति-धर्म के बंधन, सब उन्होंने तोड़े थे,
प्रेम और सद्भाव के, धागे सब जोड़े थे।
भेदभाव की दीवारें, पल भर में ढह जाती,
उनकी शिक्षाओं से, हर आत्मा खिल जाती।

अर्थ: उन्होंने जाति और धर्म के बंधनों को तोड़कर प्रेम और सद्भाव को जोड़ा था। उनकी शिक्षाएँ हर आत्मा को पवित्र करती हैं और भेदभाव की दीवारें गिरा देती हैं।

चरण 3: अनाथों का सहारा
अनाथों के थे बाबा, गरीबों के थे नाथ,
जीवन की मुश्किलों में, देते थे हरदम साथ।
सेवा का संकल्प था, उनके हर कर्म में,
सच्चाई और अच्छाई, थी उनके धर्म में।

अर्थ: वे अनाथों और गरीबों के रक्षक थे, जो मुश्किलों में हमेशा साथ देते थे। उनका हर कार्य सेवाभाव से प्रेरित था और उनका धर्म सच्चाई व अच्छाई था।

चरण 4: प्रकृति का मान
वृक्षों को था पूजा, पशुओं को था प्यार,
प्रकृति की सेवा में, देते थे आभार।
धरती को हरा-भरा, रखने का संदेश था,
पर्यावरण संरक्षण, उनका ही उपदेश था।

अर्थ: उन्होंने वृक्षों को पूजा और पशुओं से प्रेम किया। उनका संदेश था कि धरती को हरा-भरा रखा जाए, जो कि पर्यावरण संरक्षण का उनका उपदेश था।

चरण 5: सरल जीवन की सीख
सादा जीवन, उच्च विचार, उनका था सिद्धांत,
संसार के सुखों से, थे वो बिल्कुल शांत।
त्याग और तपस्या की, थी वो एक मिसाल,
उनकी प्रेरणा से, बदले कितने हाल।

अर्थ: सादा जीवन और उच्च विचार उनका सिद्धांत था। वे सांसारिक सुखों से परे थे और त्याग तथा तपस्या की एक मिसाल थे। उनकी प्रेरणा से कई लोगों का जीवन बदल गया।

चरण 6: पुण्यतिथि का महत्व
पुण्यतिथि है आज, नहीं शोक का है दिन,
उनके आदर्शों को, जीने का है संकल्प।
उनके चरणों में, ये श्रद्धा का है फूल,
उनकी हर शिक्षा, हमें है स्वीकार।

अर्थ: आज उनकी पुण्यतिथि शोक का दिन नहीं, बल्कि उनके आदर्शों को जीवन में अपनाने का संकल्प लेने का दिन है। यह श्रद्धा का फूल उनके चरणों में अर्पित है, और उनकी हर शिक्षा हमें स्वीकार है।

चरण 7: अमर प्रेरणा
कोल्हापूर के मंदिर में, उनकी है समाधि,
सदियों तक देगी, वो अमर प्रेरणा।
उनके नाम से होता, हर सुबह आगाज,
शंकरबाबा अमर हैं, गूंजती है ये आवाज।

अर्थ: कोल्हापूर के मंदिर में उनकी समाधि है, जो आने वाली सदियों तक हमें प्रेरणा देती रहेगी। उनका नाम लेकर हर सुबह की शुरुआत होती है, और यह आवाज गूंजती है कि शंकरबाबा अमर हैं।

📝 सारंश
यह कविता श्री शंकरबाबा के जीवन और उनके महान कार्यों को दर्शाती है। यह हमें उनके आदर्शों, सेवाभाव और सरल जीवन की याद दिलाती है।

इमोजी सारांश: 🌹🙏🌳❤️🕊�✨

--अतुल परब
--दिनांक-06.08.2025-बुधवार.
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