🌹 सामाजिक सद्भाव: एक सुंदर सपना 🌹🌹🤝🕊️❤️✨

Started by Atul Kaviraje, August 06, 2025, 10:09:41 PM

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Atul Kaviraje

🌹 सामाजिक सद्भाव: एक सुंदर सपना 🌹

चरण 1: एक ही बगिया के फूल
एक ही बगिया के फूल, हम सब हैं एक समान,
धर्म अनेक हैं, पर एक है हमारी शान।
मिलकर रहना ही, है जीवन की पहचान,
यही तो देता है, हमारे देश को सम्मान।

अर्थ: हम सब एक ही बगीचे के फूल हैं। हमारे धर्म अलग-अलग हैं, पर हम सब एक हैं। मिलकर रहना ही हमारे जीवन की पहचान है, और यही हमारे देश को सम्मान देता है।

चरण 2: धर्म नहीं सिखाता बैर
धर्म नहीं सिखाता, आपस में बैर करना,
मंदिर हो या मस्जिद, सबका सम्मान करना।
हर ग्रंथ में लिखा है, प्रेम का ही पाठ,
सद्भाव की राह पर, चलते चलो साथ।

अर्थ: कोई भी धर्म आपस में दुश्मनी करना नहीं सिखाता। हमें मंदिर और मस्जिद, सबका सम्मान करना चाहिए। हर धर्मग्रंथ में प्रेम का पाठ है, इसलिए हमें सद्भाव की राह पर एक साथ चलना चाहिए।

चरण 3: सहिष्णुता का प्रकाश
सहिष्णुता का प्रकाश, मन में जलाओ,
दूसरों के विचारों को, सम्मान से अपनाओ।
भेदभाव की आग को, बुझा दो तुम आज,
भाईचारे के बंधन को, दो तुम एक ताज।

अर्थ: हमें अपने मन में सहिष्णुता का प्रकाश जलाना चाहिए और दूसरों के विचारों का सम्मान करना चाहिए। हमें भेदभाव की आग को बुझा देना चाहिए और भाईचारे के बंधन को मजबूत करना चाहिए।

चरण 4: एकता की शक्ति
एकता की शक्ति से, होता है हर काम,
मिलकर चलो सब, और ऊँचा करो नाम।
संघर्षों की राहें, सब हो जाएंगी दूर,
जब हर एक दिल में, होगा सद्भाव भरपूर।

अर्थ: एकता की शक्ति से हर काम संभव होता है। जब हम सब मिलकर चलेंगे, तो हम देश का नाम ऊँचा करेंगे। जब हर दिल में सद्भाव होगा, तो संघर्षों की राहें दूर हो जाएंगी।

चरण 5: बच्चों को सिखाएं
बच्चों को सिखाओ, ये ही सच्चा ज्ञान,
धर्म से बड़ा है, इंसान का सम्मान।
हर एक मजहब में, है सच्ची सीख,
प्यार की भाषा ही, है सच्ची एक भीख।

अर्थ: हमें बच्चों को यह सच्चा ज्ञान सिखाना चाहिए कि इंसान का सम्मान धर्म से बड़ा है। हर धर्म में सच्ची सीख है और प्यार की भाषा ही सबसे महत्वपूर्ण है।

चरण 6: शांति का संदेश
शांति का संदेश, हर घर तक पहुँचाओ,
नफरत की दीवारों को, तुम आज गिराओ।
एकता की मिट्टी से, नया घर बनाओ,
जहाँ हर कोई खुशी से, मिलकर रह पाए।

अर्थ: हमें शांति का संदेश हर घर तक पहुँचाना चाहिए और नफरत की दीवारों को गिरा देना चाहिए। हमें एकता की मिट्टी से एक नया घर बनाना चाहिए, जहाँ हर कोई खुशी से मिलकर रह सके।

चरण 7: एक नया सवेरा
एक नया सवेरा, अब हम लाएंगे,
सहिष्णुता के रंग से, इसे सजाएँगे।
जहाँ हर एक चेहरा, मुस्कुराता हो,
वो ही सच्चा भारत, अब हमारा हो।

अर्थ: अब हम एक नया सवेरा लाएंगे और उसे सहिष्णुता के रंगों से सजाएंगे। एक ऐसा भारत जहाँ हर चेहरा मुस्कुराता हो, वही हमारा सच्चा भारत होगा।

📝 सारांश
यह कविता सामाजिक सद्भाव और धार्मिक सहिष्णुता के महत्व को दर्शाती है। यह हमें भेदभाव को खत्म करके, एकता और प्यार के साथ रहने की प्रेरणा देती है।

इमोजी सारांश: 🌹🤝🕊�❤️✨

--अतुल परब
--दिनांक-06.08.2025-बुधवार.
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