गुलज़ार: एक कलम का जादू-

Started by Atul Kaviraje, August 07, 2025, 07:34:15 PM

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Atul Kaviraje

हिंदी कविता-

गुलज़ार: एक कलम का जादू-

1. कलम से निकली आवाज़ ✒️🎶
झेलम की मिट्टी से उठकर,
दिल्ली की गलियों में भटककर।
एक कलम ने आवाज़ पाई,
गुलज़ार बनके दुनिया में आई।
(झेलम की मिट्टी से उठकर, दिल्ली की गलियों में भटककर। एक कलम ने आवाज़ पाई और गुलज़ार बनकर दुनिया में आई।)

2. कविताओं का सागर 🌊📜
शब्दों को लेकर वो खेलते रहे,
जज्बातों को अपने सींचते रहे।
कविता बन गई उनकी पहचान,
हर दिल में उन्होंने बसाया एक मकान।
(वो शब्दों से खेलते रहे और अपनी भावनाओं को सींचते रहे। कविता उनकी पहचान बन गई और उन्होंने हर दिल में अपना एक मकान बना लिया।)

3. गीतों का सफर 🎤🎬
'बंदिनी' से शुरू हुई कहानी,
हर एक गीत में थी जादू की जुबानी।
मौसम, आंधी, इजाज़त,
हर एक धुन में थी उनकी मोहब्बत।
(उनकी कहानी 'बंदिनी' से शुरू हुई, हर एक गीत में जादू की भाषा थी। 'मौसम', 'आंधी', 'इजाज़त', हर एक धुन में उनका प्यार था।)

4. ऑस्कर और ग्रैमी की जीत 🏆🥇
'जय हो' की गूंज दुनिया में फैली,
ऑस्कर और ग्रैमी की हुई थी रैली।
हिंदी सिनेमा को सम्मान दिलाया,
विश्व पटल पर भारत को चमकाया।
('जय हो' की गूंज दुनिया में फैली, ऑस्कर और ग्रैमी की जीत हुई। उन्होंने हिंदी सिनेमा को सम्मान दिलाया और विश्व पटल पर भारत को चमकाया।)

5. निर्देशन का सफर 🎥🎞�
निर्देशन की दुनिया में भी कमाल किया,
हर किरदार को उन्होंने नया आकार दिया।
'अंगूर' की मिठास, 'कोशिश' का दर्द,
फिल्मों में भी था उनका सच्चा सच।
(उन्होंने निर्देशन की दुनिया में भी कमाल किया, हर किरदार को नया आकार दिया। 'अंगूर' की मिठास और 'कोशिश' का दर्द, उनकी फिल्मों में भी उनका सच्चा सच था।)

6. पद्म भूषण का सम्मान 🇮🇳🙏
पद्म भूषण का मिला जब सम्मान,
झुक गया हर एक इंसान।
यह तो था उनकी मेहनत का फल,
जो बन गया हमारे लिए एक पल।
(जब उन्हें पद्म भूषण का सम्मान मिला, तो हर इंसान झुक गया। यह तो उनकी मेहनत का फल था, जो हमारे लिए एक गर्व का पल बन गया।)

7. अमर कलाकार 🌟💯
गुलज़ार का नाम अमर है,
हर एक दिल में उनका घर है।
उनकी कला हमेशा रहेगी,
हर एक जुबान पर गूंजती रहेगी।
(गुलज़ार का नाम अमर है, हर दिल में उनका घर है। उनकी कला हमेशा रहेगी और हर जुबान पर गूंजती रहेगी।)

EMOJI SARANSH:
🌟 पद्म भूषण, भारत सरकार का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। गुलज़ार को 2004 में यह सम्मान मिला। ✍️ उनकी कविताएँ, गीत और सिनेमाई काम अद्वितीय हैं। 🎶 उन्होंने 'बंदिनी' से शुरुआत की और 'जय हो' के लिए ऑस्कर भी जीता। 🎬 वे एक सफल निर्देशक भी हैं। 🙏 उनकी सादगी और विनम्रता सभी को प्रेरित करती है। 💖 उनकी कला हर पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है।

--अतुल परब
--दिनांक-07.08.2025-गुरुवार.
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