🌹 श्री गुरुदेव दत्त: आदर्श जीवन का मंत्र 🌹🙏🌟❤️🤝✨

Started by Atul Kaviraje, August 07, 2025, 09:31:24 PM

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Atul Kaviraje

🌹 श्री गुरुदेव दत्त: आदर्श जीवन का मंत्र 🌹

चरण 1: गुरु की वो महिमा
गुरुदेव दत्त की महिमा, सबसे महान,
ब्रह्मा, विष्णु, शिव का, वो हैं वरदान।
आदर्श जीवन का, दिया है उन्होंने ज्ञान,
सच्चे गुरु के चरणों में, है सच्चा सम्मान।

अर्थ: गुरुदेव दत्त की महिमा सबसे महान है। वे ब्रह्मा, विष्णु और महेश का अवतार हैं। उन्होंने आदर्श जीवन का ज्ञान दिया है और सच्चे गुरु के चरणों में ही सच्चा सम्मान है।

चरण 2: भक्ति का आधार
भक्ति का आधार, उनका ही है नाम,
हर मुश्किल में देते हैं, वो ही आराम।
निस्वार्थ प्रेम से, जो करता है सेवा,
उसे ही मिलता है, जीवन का सच्चा मेवा।

अर्थ: भक्ति का आधार उनका नाम है। हर मुश्किल में वे ही आराम देते हैं। जो निस्वार्थ प्रेम से सेवा करता है, उसे ही जीवन का सच्चा फल मिलता है।

चरण 3: ज्ञान की ये ज्योति
ज्ञान की ये ज्योति, मन में जलाओ,
अज्ञान के अंधकार को, तुम दूर भगाओ।
आत्म-ज्ञान की राह पर, जब चलोगे तुम,
तब ही तो पाओगे, जीवन का सच्चा सुख।

अर्थ: हमें अपने मन में ज्ञान की ज्योति जलानी चाहिए और अज्ञान के अंधकार को दूर भगाना चाहिए। जब हम आत्म-ज्ञान की राह पर चलेंगे, तभी हमें जीवन का सच्चा सुख मिलेगा।

चरण 4: कर्म का ये पाठ
कर्म का ये पाठ, हमें है सिखाया,
हर काम को मानो, ईश्वर की छाया।
ईमानदारी से जब, करोगे तुम हर काम,
तब ही तो होगा, जीवन का ऊंचा नाम।

अर्थ: उन्होंने हमें कर्म का पाठ सिखाया है कि हर काम को ईश्वर की सेवा मानकर करना चाहिए। जब हम हर काम ईमानदारी से करेंगे, तभी हमारे जीवन का नाम ऊँचा होगा।

चरण 5: सादगी और त्याग
सादगी और त्याग में, है जीवन की शान,
धन-दौलत से नहीं, मिलती है पहचान।
इच्छाओं को छोड़ो, मोह को तुम त्यागो,
सच्ची शांति को, तुम मन में जगाओ।

अर्थ: सादगी और त्याग में ही जीवन की शोभा है। पहचान धन-दौलत से नहीं, बल्कि सादगी से मिलती है। इच्छाओं और मोह को त्यागने से ही सच्ची शांति मिलती है।

चरण 6: सेवा का ये धर्म
सेवा का ये धर्म, हमें है सिखाया,
हर जरूरतमंद पर, करो तुम दया।
एक-दूसरे के दुख में, जब हो तुम साथ,
तब ही तो होती है, जीवन की सच्ची बात।

अर्थ: उन्होंने हमें सेवा का धर्म सिखाया है कि हर जरूरतमंद पर दया करनी चाहिए। जब हम एक-दूसरे के दुख में साथ होते हैं, तभी जीवन में सच्ची मानवता होती है।

चरण 7: आदर्श जीवन का सार
आदर्श जीवन का, यही तो है सार,
भक्ति, ज्ञान और कर्म का, ये ही तो है द्वार।
गुरुदेव दत्त के, चरणों में है मुक्ति,
उनकी कृपा से, है जीवन में शक्ति।

अर्थ: आदर्श जीवन का सार यही है कि भक्ति, ज्ञान और कर्म का मार्ग अपनाओ। गुरुदेव दत्त के चरणों में ही मुक्ति है, और उनकी कृपा से ही जीवन में शक्ति मिलती है।

📝 सारांश
यह कविता श्री गुरुदेव दत्त द्वारा प्रतिपादित आदर्श जीवन की परिकल्पना को सरल शब्दों में बताती है। यह हमें भक्ति, ज्ञान, कर्म, सादगी और सेवा के महत्व को सिखाती है।

इमोजी सारांश: 🙏🌟❤️🤝✨
 
--अतुल परब
--दिनांक-07.08.2025-गुरुवार.
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