नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत: भारत का भविष्य और चुनौतियाँ-

Started by Atul Kaviraje, August 08, 2025, 10:06:27 AM

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Atul Kaviraje

नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत: भारत का भविष्य और चुनौतियाँ-

नवीकरणीय ऊर्जा, जिसे हम स्वच्छ ऊर्जा भी कहते हैं, वह ऊर्जा है जो प्राकृतिक प्रक्रियाओं से लगातार प्राप्त होती रहती है। ये ऐसे स्रोत हैं जो कभी खत्म नहीं होते, जैसे कि सूर्य का प्रकाश, हवा, पानी, और बायोमास। भारत जैसे विकासशील देश के लिए, नवीकरणीय ऊर्जा का महत्व न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए है, बल्कि ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिए भी है। आइए, इसके विभिन्न पहलुओं को 10 प्रमुख बिंदुओं में समझते हैं।

ऊर्जा सुरक्षा:
भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए काफी हद तक जीवाश्म ईंधन (पेट्रोलियम, कोयला) के आयात पर निर्भर है। नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाकर, हम अपनी इस निर्भरता को कम कर सकते हैं और ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकते हैं। यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।

जलवायु परिवर्तन का सामना:
जीवाश्म ईंधन के जलने से कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं, जो जलवायु परिवर्तन का प्रमुख कारण हैं। सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोत इन गैसों का उत्सर्जन नहीं करते, जिससे हम जलवायु परिवर्तन से निपटने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

आर्थिक विकास और रोजगार:
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश से नए उद्योग और रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। सौर पैनलों के निर्माण, पवन चक्कियों की स्थापना, और बायोमास संयंत्रों के संचालन से लाखों लोगों को रोजगार मिल सकता है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

ग्रामीण विद्युतीकरण:
भारत के कई दूरदराज के गाँवों में आज भी बिजली की पहुँच नहीं है। नवीकरणीय ऊर्जा, विशेषकर सौर ऊर्जा, इन क्षेत्रों में बिजली पहुँचाने का सबसे सस्ता और प्रभावी तरीका है। इससे गाँवों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा और आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी।

पर्यावरण संरक्षण:
नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत प्रदूषण मुक्त होते हैं। कोयले और पेट्रोलियम से होने वाले वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण की तुलना में, सौर और पवन ऊर्जा का उपयोग हमारे पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद करता है।

तकनीकी उन्नति:
नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में हो रहे शोध और विकास से भारत तकनीकी रूप से भी आगे बढ़ रहा है। सौर पैनलों और बैटरी स्टोरेज जैसी तकनीकों में नवाचार भारत को इस क्षेत्र में वैश्विक नेता बना सकता है।

चुनौतियाँ - भंडारण की समस्या:
नवीकरणीय ऊर्जा की सबसे बड़ी चुनौती इसका भंडारण है। सौर ऊर्जा केवल दिन के समय उपलब्ध होती है और पवन ऊर्जा हवा की गति पर निर्भर करती है। ऊर्जा का भंडारण करने के लिए कुशल और किफायती बैटरी तकनीक की आवश्यकता है, जो अभी भी एक बड़ी चुनौती है।

चुनौतियाँ - भूमि की उपलब्धता:
बड़े पैमाने पर सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए विशाल भूखंडों की आवश्यकता होती है। भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में, यह एक बड़ी चुनौती हो सकती है, जहाँ कृषि और शहरी विकास के लिए भूमि की मांग पहले से ही अधिक है।

चुनौतियाँ - शुरुआती लागत:
हालांकि लंबी अवधि में नवीकरणीय ऊर्जा सस्ती पड़ती है, लेकिन शुरुआती निवेश की लागत काफी अधिक होती है। सौर पैनलों, पवन चक्कियों और अन्य बुनियादी ढाँचों को स्थापित करने के लिए भारी पूंजी की आवश्यकता होती है, जो छोटे निवेशकों और आम जनता के लिए मुश्किल हो सकता है।

नीतियाँ और सरकारी समर्थन:
भारत सरकार नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियाँ और सब्सिडी प्रदान कर रही है। 'राष्ट्रीय सौर मिशन' और 'पवन ऊर्जा नीति' जैसे कार्यक्रम इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं, लेकिन इन नीतियों का प्रभावी कार्यान्वयन और निरंतर समर्थन भविष्य के लिए आवश्यक है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-07.08.2025-गुरुवार.
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