अम्बाबाई और 'शक्तिवर्धन' व्रत के लाभ-2-

Started by Atul Kaviraje, August 09, 2025, 11:52:55 AM

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Atul Kaviraje

अम्बाबाई और 'शक्तिवर्धन' व्रत के लाभ-
(अम्बाबाई और 'सशक्तीकरण प्रतिज्ञा' के लाभ)
(Ambabai and the Benefits of the 'Empowerment Vows')
Benefits of Ambabai and 'Shaktivardhan' Vrats-

6. आर्थिक स्थिरता और समृद्धि 💰📈
अंबाबाई को महालक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है, जो धन और समृद्धि की देवी हैं। 'शक्तिवर्धन' व्रत के नियमों का पालन करने से व्यक्ति को आर्थिक स्थिरता और समृद्धि प्राप्त होती है। यह व्रत हमें अपनी कमाई का सदुपयोग करना सिखाता है और हमें अनावश्यक खर्चों से बचाता है। यह हमें धन के महत्व और उसके सही उपयोग का बोध कराता है।

7. आध्यात्मिक उन्नति और शांति 🙏🕉�
यह व्रत केवल भौतिक लाभों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य आध्यात्मिक उन्नति भी है। व्रत के दौरान ध्यान, मंत्र जाप और पूजा करने से हमें आंतरिक शांति और संतोष की अनुभूति होती है। यह हमें दुनियावी मोह-माया से ऊपर उठकर आत्मा के सच्चे स्वरूप का दर्शन कराता है, जिससे हमें परम शांति प्राप्त होती है।

8. नेतृत्व क्षमता का विकास 👩�💼🤝
अंबाबाई को 'राजराजेश्वरी' यानी सभी राजाओं की रानी के रूप में भी पूजा जाता है। उनका 'शक्तिवर्धन' व्रत हमें नेतृत्व करने की क्षमता प्रदान करता है। यह हमें सिखाता है कि दूसरों का मार्गदर्शन करने के लिए हमें पहले स्वयं को सशक्त और ज्ञानी बनाना होगा। यह व्रत हमें सही निर्णय लेने की क्षमता और दूसरों का सम्मान प्राप्त करने का गुण देता है।

9. कर्तव्यपरायणता और जिम्मेदारी का बोध ⚖️🎯
यह व्रत हमें अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के प्रति सजग बनाता है। व्रत का पालन करने से हम अपने जीवन के लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से देख पाते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए प्रेरित होते हैं। यह हमें एक अनुशासित और जिम्मेदार व्यक्ति बनने में मदद करता है। अंबाबाई की पूजा हमें यह सिखाती है कि हमें अपनी शक्तियों का उपयोग केवल स्वार्थ के लिए नहीं, बल्कि समाज और धर्म की सेवा के लिए भी करना चाहिए।

10. सकारात्मक ऊर्जा और भाग्य का उदय 🌈🍀
अंबाबाई का व्रत करने से हमारे आसपास एक सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बनता है। यह व्रत हमारी कुंडली में नकारात्मक ग्रहों के प्रभाव को कम करता है और हमारे भाग्य को मजबूत बनाता है। जब हमारा मन सकारात्मक होता है और हमारी शक्तियाँ जागृत होती हैं, तो हम अपनी किस्मत को खुद बदल सकते हैं। यह व्रत हमें यह विश्वास दिलाता है कि हम अपने जीवन के निर्माता स्वयं हैं।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-08.08.2025-शुक्रवार.
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