राष्ट्रीय अखंडता और चुनौतियाँ-(कविता)-

Started by Atul Kaviraje, August 09, 2025, 02:25:26 PM

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Atul Kaviraje

राष्ट्रीय अखंडता और चुनौतियाँ-(कविता)-

१. प्रथम चरण

भारत की अखंडता, है हमारी पहचान,
जिससे मिलता हमें दुनिया में मान,
एकजुट होकर हम सब रहते हैं साथ,
यही है देश की सबसे बड़ी पहचान।

अर्थ: भारत की अखंडता ही हमारी पहचान है, जिससे हमें दुनिया में सम्मान मिलता है। हम सब एकजुट होकर रहते हैं, यही हमारे देश की सबसे बड़ी पहचान है।

२. द्वितीय चरण

पर कुछ चुनौतियाँ भी हैं इस राह में,
जो डालती हैं हमें अंधेरों की राह में,
जातिवाद और धर्म का हो जो अभिमान,
वही है देश का सबसे बड़ा अपमान।

अर्थ: इस रास्ते में कुछ चुनौतियाँ भी हैं, जो हमें गलत राह पर ले जाती हैं। जब लोग जातिवाद और धर्म का अभिमान करते हैं, तो यह हमारे देश का सबसे बड़ा अपमान होता है।

३. तृतीय चरण

क्षेत्रीयवाद का जहर जब फैले,
अलगाववाद के जब फूल खिले,
तब टूटने लगती हैं एकता की कड़ियाँ,
देश की नींव होती है कमजोर।

अर्थ: जब क्षेत्रीयवाद का जहर फैलता है और अलगाववाद बढ़ता है, तो हमारी एकता कमजोर होने लगती है और देश की नींव हिलने लगती है।

४. चतुर्थ चरण

भाषा के नाम पर जब हो लड़ाई,
विकास की राह जब हो अटकी,
तब हम भूल जाते हैं अपनी पहचान,
वही है देश की सबसे बड़ी हानि।

अर्थ: जब भाषा के नाम पर लोग लड़ते हैं और विकास रुक जाता है, तब हम अपनी असली पहचान भूल जाते हैं, और यही देश की सबसे बड़ी हानि है।

५. पंचम चरण

आतंकवाद और नक्सलवाद का जब हो हमला,
डर और भय में जब सब हो सहमे,
तब हम एक होकर ही लड़ सकते हैं,
यही है हमारी सच्ची शक्ति।

अर्थ: जब आतंकवाद और नक्सलवाद का हमला होता है, और लोग डर में जीते हैं, तब हम एक होकर ही उनका सामना कर सकते हैं। यही हमारी सच्ची शक्ति है।

६. षष्ठम चरण

आर्थिक असमानता की हो जब खाई,
गरीब और अमीर के बीच हो लड़ाई,
तब लोग होते हैं निराश और परेशान,
यह भी है देश की बड़ी चुनौती।

अर्थ: जब आर्थिक असमानता की खाई बढ़ती है और अमीर-गरीब में लड़ाई होती है, तब लोग निराश हो जाते हैं। यह भी हमारे देश के लिए एक बड़ी चुनौती है।

७. सप्तम चरण

आओ, हम सब मिलकर इस लड़ाई को लड़ें,
सभी चुनौतियों को मिलकर हराएँ,
भारत की अखंडता को और मजबूत करें,
एकजुट होकर, हम भारत को आगे बढ़ाएँ।

अर्थ: हमें इन सभी चुनौतियों से मिलकर लड़ना चाहिए और उन्हें हराना चाहिए। हमें भारत की अखंडता को और मजबूत करना चाहिए और एकजुट होकर अपने देश को आगे बढ़ाना चाहिए।

--अतुल परब
--दिनांक-08.08.2025-शुक्रवार.
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