हिंदी कविता- शीर्षक: जीवन की भूलभुलैया-🚶‍♂️🛤️➡️🧘‍♀️💡➡️🔄🌍😊

Started by Atul Kaviraje, August 09, 2025, 04:48:04 PM

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Atul Kaviraje

हिंदी कविता-

शीर्षक: जीवन की भूलभुलैया-

चरण 1:
पथ है एक, मगर टेढ़े-मेढ़े,
जिंदगी के सफर में हम हैं खेड़े।
घूम-घूम कर आगे बढ़ते,
दिल में आशा का दीपक भरते।

अर्थ: जीवन एक ही रास्ता है, लेकिन इसमें कई उतार-चढ़ाव हैं। हम आशा के साथ आगे बढ़ते रहते हैं।

चरण 2:
मुड़ता है रास्ता, हर पल नया,
कभी खुशी, कभी गम की छाया।
पर हिम्मत को हमने नहीं छोड़ा,
हर मुश्किल का हमने मुख मोड़ा।

अर्थ: जीवन के रास्ते हर पल बदलते हैं, जिसमें सुख और दुख दोनों हैं। पर हम हिम्मत नहीं हारते।

चरण 3:
केंद्र में है एक शांत किनारा,
जहाँ मिलता है खुद का सहारा।
मन की गहराई में जब जाते,
सच को हम अपने भीतर पाते।

अर्थ: जीवन के केंद्र में, यानी अपने भीतर, शांति और आत्म-ज्ञान मिलता है।

चरण 4:
भूलभुलैया नहीं ये रास्ता,
यह है आत्मा का सच्चा वास्ता।
बाहर का शोर जब हो जाता शांत,
तब ही मिलता है मन को आराम।

अर्थ: यह रास्ता कोई भूलभुलैया नहीं, बल्कि हमारी आत्मा से जुड़ने का एक माध्यम है। मन की शांति भीतर से मिलती है।

चरण 5:
जैसे सूरज देता है उजाला,
अंधेरे से मिटाता है काला।
वैसे ही ज्ञान का प्रकाश,
भरता है जीवन में उल्लास।

अर्थ: जैसे सूरज अंधेरे को मिटाता है, वैसे ही ज्ञान जीवन में खुशी भरता है।

चरण 6:
फिर लौट आते हैं हम उसी पथ पर,
नए ज्ञान को लेकर अपने अंदर।
दुनिया को अब हम देखते नए ढंग से,
भरते हैं हर पल को नए रंग से।

अर्थ: केंद्र से लौटते समय, हम नए ज्ञान के साथ दुनिया को एक नए दृष्टिकोण से देखते हैं।

चरण 7:
चलो चलें इस पथ पर साथी,
जलाएँ अपने भीतर की बाती।
यह यात्रा है, कोई खेल नहीं,
यह है खुद से खुद का मेल सही।

अर्थ: यह कविता हमें जीवन के पथ पर चलने और आत्म-खोज के लिए प्रेरित करती है।

इमोजी सारांश: 🚶�♂️🛤�➡️🧘�♀️💡➡️🔄🌍😊

--अतुल परब
--दिनांक-09.08.2025-शनिवार.
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