हनुमान और उनके भक्त: श्रद्धा और भक्ति का संबंध-(कविता)-

Started by Atul Kaviraje, August 09, 2025, 09:26:07 PM

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Atul Kaviraje

हनुमान और उनके भक्त: श्रद्धा और भक्ति का संबंध-(कविता)-

१. प्रथम चरण

राम नाम का जप है जिनका आधार,
भक्तों के संकट हरने वाले,
आप हैं मेरे हनुमान,
आपके बिना ये जीवन है बेजार।

अर्थ: हे हनुमान जी, आप भगवान राम के नाम का जाप करने वाले हैं और भक्तों के सभी दुखों को दूर करने वाले हैं। आपके बिना मेरा जीवन अधूरा है।

२. द्वितीय चरण

पवनपुत्र हैं आप, और हैं बलवान,
सीता मैया की खोज में, किया था बड़ा काम,
आपकी भक्ति से मिलता है ये ज्ञान,
निस्वार्थ सेवा से होता है सबका कल्याण।

अर्थ: आप पवनपुत्र और बहुत शक्तिशाली हैं। आपने माता सीता की खोज में महान कार्य किया। आपकी भक्ति से हमें यह ज्ञान मिलता है कि निस्वार्थ सेवा से सबका भला होता है।

३. तृतीय चरण

ज्ञान और बुद्धि का है आप में भंडार,
संकटों से करते हैं आप सबका उद्धार,
मेरे मन में भी हो आपका वास,
दूर हो जाएं जीवन के सारे दुःख।

अर्थ: आप ज्ञान और बुद्धि के भंडार हैं और सभी संकटों से सबका उद्धार करते हैं। मैं चाहता हूँ कि आप मेरे मन में भी निवास करें, ताकि मेरे जीवन के सभी दुख दूर हो जाएं।

४. चतुर्थ चरण

भक्तों की पुकार पर आते हैं आप,
दूर करते हैं जीवन के सारे पाप,
आपके चरणों में करूँ मैं ये प्रणाम,
आप ही हैं मेरे सच्चे भगवान।

अर्थ: आप भक्तों की पुकार सुनकर तुरंत आते हैं और उनके पापों को दूर करते हैं। मैं आपके चरणों में प्रणाम करता हूँ, क्योंकि आप ही मेरे सच्चे भगवान हैं।

५. पंचम चरण

आपने कभी न किया शक्ति का अभिमान,
सदा ही रहे आप राम के दास महान,
आपकी विनम्रता है मेरी पहचान,
यही है भक्ति का सबसे बड़ा सम्मान।

अर्थ: आपने कभी भी अपनी शक्ति का अहंकार नहीं किया, बल्कि हमेशा खुद को भगवान राम का महान सेवक माना। आपकी विनम्रता ही मेरी पहचान है, और यही सच्ची भक्ति का सम्मान है।

६. षष्ठम चरण

हर मंगलवार और शनिवार को,
आती है आपके दर्शनों की चाह,
आपके मंदिर में मिलती है शांति की राह,
आपकी कृपा से मिलती है जीवन में रोशनी की राह।

अर्थ: हर मंगलवार और शनिवार को आपके दर्शन करने की इच्छा होती है। आपके मंदिर में आकर मन को शांति मिलती है, और आपकी कृपा से जीवन में सही रास्ता मिलता है।

७. सप्तम चरण

श्रद्धा और भक्ति का है ये गहरा संबंध,
हनुमान और उनके भक्तों के बीच,
यह संबंध है अमर और अनंत,
हमेशा रहेगा ये विश्वास और प्यार।

अर्थ: हनुमान जी और उनके भक्तों के बीच श्रद्धा और भक्ति का यह गहरा संबंध अमर और अनंत है। यह विश्वास और प्यार हमेशा बना रहेगा।

--अतुल परब
--दिनांक-09.08.2025-शनिवार.
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