शनिदेव के भक्तों का साहस और विश्वास-(कविता)-

Started by Atul Kaviraje, August 09, 2025, 09:26:43 PM

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Atul Kaviraje

शनिदेव के भक्तों का साहस और विश्वास-(कविता)-

१. प्रथम चरण

न्याय के देव, कर्म के दाता,
भक्तों का साहस और विश्वास है आप,
साढ़ेसाती या ढैया का भय नहीं,
जब मन में हो आपकी पूजा का जाप।

अर्थ: हे न्याय के देवता और कर्मफल देने वाले शनिदेव, आपके भक्तों का साहस और विश्वास आप में ही है। जब मन में आपकी पूजा होती है, तो साढ़ेसाती या ढैया का कोई भय नहीं होता।

२. द्वितीय चरण

अंधेरों में भी वो रोशनी पाते हैं,
कठिन राहों पर भी चलते जाते हैं,
शनिदेव का नाम लेकर आगे बढ़ते हैं,
डर को भी वो दूर भगाते हैं।

अर्थ: आपके भक्त जीवन के अंधेरे में भी उम्मीद की रोशनी ढूंढ लेते हैं। वे कठिन रास्तों पर भी बिना डरे चलते जाते हैं, क्योंकि वे शनिदेव का नाम लेकर आगे बढ़ते हैं।

३. तृतीय चरण

धैर्य और निष्ठा से करते हैं काम,
कभी न लेते हैं गलत कामों का नाम,
आपके न्याय पर है पूरा विश्वास,
सच्चाई की राह में मिलते हैं विराम।

अर्थ: आपके भक्त धैर्य और निष्ठा से काम करते हैं, और कभी गलत काम नहीं करते। उन्हें आपके न्याय पर पूरा विश्वास है, जिससे वे सच्चाई की राह पर चलते हैं।

४. चतुर्थ चरण

तेल दान करते, काली चीजों का दान,
गरीबों को देते हैं भोजन और सम्मान,
यही है भक्ति का सबसे बड़ा आधार,
यही है शनिदेव को करने का पुकार।

अर्थ: भक्त तेल और काली चीजों का दान करते हैं। वे गरीबों को भोजन और सम्मान देकर सेवा करते हैं। यही उनकी भक्ति का आधार है और शनिदेव को पुकारने का सही तरीका है।

५. पंचम चरण

अहंकार को दूर किया है मन से,
विनम्रता का पाठ पढ़ा है आपसे,
आपके चरणों में झुकते हैं सिर,
आप ही तो हैं हमारे सच्चे वीर।

अर्थ: आपके भक्तों ने मन से अहंकार को दूर किया है और आपसे विनम्रता का पाठ सीखा है। हम आपके चरणों में सिर झुकाते हैं, क्योंकि आप ही हमारे सच्चे रक्षक हैं।

६. षष्ठम चरण

हर शनिवार को लगता है मेला,
भक्तों का है ये अद्भुत सिलसिला,
नियम और संयम से करते हैं पूजा,
शनिदेव की महिमा है सबसे अनूठी।

अर्थ: हर शनिवार को आपके भक्तों का मेला लगता है। वे नियम और संयम से आपकी पूजा करते हैं, क्योंकि शनिदेव की महिमा सबसे अनूठी है।

७. सप्तम चरण

साहस और विश्वास की ये अद्भुत कहानी,
शनिदेव और उनके भक्तों की है ये कहानी,
कठिन समय में भी वो देते हैं साथ,
यही है भक्ति का सच्चा एहसास।

अर्थ: यह कविता शनिदेव और उनके भक्तों के साहस और विश्वास की कहानी है। कठिन समय में भी वे एक-दूसरे का साथ देते हैं, और यही सच्ची भक्ति का एहसास है।

--अतुल परब
--दिनांक-09.08.2025-शनिवार.
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