कविता: पानी की कहानी-✍️💧🚫➡️♻️🤝🌍✅

Started by Atul Kaviraje, August 11, 2025, 04:26:54 PM

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Atul Kaviraje

कविता: पानी की कहानी-

1. बूंद-बूंद से जीवन बनता है,
धरती पर हर प्राणी जीता है।
पर प्लास्टिक में कैद हुआ है,
सुविधा का यह कैसा जाल है?
अर्थ: पानी जीवन का आधार है, लेकिन हमने उसे प्लास्टिक की बोतलों में कैद कर दिया है, जो एक सुविधा का भ्रम है। 💧❌

2. दूर कारखाने में बनी बोतलें,
तेल से निकली और भरी बोतलें।
सड़क पर दौड़ती भारी गाड़ियाँ,
धुएँ में उड़ती सारी कहानियाँ।
अर्थ: बोतलों का उत्पादन तेल से होता है और उनके परिवहन में बहुत प्रदूषण होता है, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है। 🏭🚚

3. सागर की लहरें अब रोती हैं,
प्लास्टिक के कचरे में सोती हैं।
मछलियाँ भी प्लास्टिक खाती हैं,
क्यों हम इतना अंधापन दिखाते हैं?
अर्थ: प्लास्टिक का कचरा समुद्र में जाकर समुद्री जीवों के लिए खतरा बन रहा है, लेकिन हम इस सच्चाई को अनदेखा कर रहे हैं। 🌊🐋

4. नल का पानी कितना साफ था,
विश्वास उस पर हमारा खास था।
पर बोतल ने भ्रम फैलाया है,
शुद्धता का झूठा वादा लाया है।
अर्थ: नल का पानी अक्सर सुरक्षित होता है, लेकिन बोतलबंद पानी के विज्ञापन हमें उसकी शुद्धता के बारे में झूठे वादे देकर भ्रमित करते हैं। 🚿✨

5. पैसा पानी पर हम लुटाते हैं,
गरीबों को प्यासा छोड़ जाते हैं।
एक ही जल, अलग-अलग दाम,
इंसानियत का यह कैसा काम?
अर्थ: बोतलबंद पानी महंगा होने के कारण गरीब लोग इससे वंचित रह जाते हैं, जबकि साफ पानी पर सबका अधिकार होना चाहिए। 💰😔

6. आओ मिलकर एक कदम उठाएँ,
प्लास्टिक को जीवन से हटाएँ।
अपनी बोतल साथ लेकर जाएँ,
रिफ़िल स्टेशन से पानी पिलाएँ।
अर्थ: हमें प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग बंद करके अपनी खुद की बोतलें साथ रखनी चाहिए और उन्हें रीफिल स्टेशन से भरना चाहिए। 🚶�♀️♻️

7. भविष्य के लिए यह एक पुकार है,
धरती के लिए यह एक आभार है।
जब तक हम यह समझेंगे नहीं,
सही रास्ता तब तक चुनेंगे नहीं।
अर्थ: यह कविता हमें भविष्य की पीढ़ियों के लिए और धरती के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित करती है। 👶🌎

सारांश: ✍️💧🚫➡️♻️🤝🌍✅

--अतुल परब
--दिनांक-11.08.2025-सोमवार.
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