श्रावणी सोमवार शिवपूजन-शिवामुठ-मुग- ओम नमः शिवाय! 🕉️🌿

Started by Atul Kaviraje, August 12, 2025, 10:41:29 AM

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Atul Kaviraje

श्रावणी सोमवार शिवपूजन-शिवामुठ-मुग-

श्रावण के सोमवार: शिवपूजन और शिवामुठ का महत्व-

आज 11 अगस्त, 2025, सोमवार का दिन है और यह श्रावण महीने का एक विशेष दिन है। श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित है, और इस महीने के हर सोमवार को शिवपूजन का विशेष महत्व होता है। शिवभक्त इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान भोलेनाथ की भक्ति में लीन रहते हैं। श्रावणी सोमवार के इस पावन अवसर पर, आइए हम शिवपूजन और शिवामुठ के महत्व को विस्तार से समझें।

श्रावणी सोमवार शिवपूजन का महत्व (10 प्रमुख बिंदु)

1. धार्मिक महत्व और विश्वास: श्रावण सोमवार को भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से अविवाहित कन्याओं को योग्य वर मिलता है।

2. व्रत और पूजा विधि: भक्त इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और साफ कपड़े पहनते हैं। वे शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और फूल चढ़ाकर पूजा करते हैं। इसके अलावा, शिव चालीसा और मंत्रों का जाप किया जाता है।

3. शिवामुठ का अनुष्ठान: शिवामुठ का अर्थ है, शिवलिंग पर एक मुट्ठी अनाज चढ़ाना। यह अनुष्ठान श्रावणी सोमवार का एक अभिन्न अंग है। प्रत्येक सोमवार को अलग-अलग प्रकार का अनाज चढ़ाया जाता है।

4. इस सोमवार की शिवामुठ - मूंग: श्रावण का दूसरा सोमवार होने के कारण, इस दिन मूंग (मूंग दाल) की शिवामुठ चढ़ाई जाती है। मूंग समृद्धि और अच्छी सेहत का प्रतीक है। इसे अर्पित करने से भगवान शिव भक्तों को स्वास्थ्य और धन का आशीर्वाद देते हैं।

5. बेलपत्र और जल का महत्व: बेलपत्र भगवान शिव को सबसे प्रिय है। तीन पत्तियों वाला बेलपत्र ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक माना जाता है। शिवलिंग पर जल चढ़ाने को जलाभिषेक कहा जाता है, जो मन को शांत और शुद्ध करता है।

6. रुद्राभिषेक का आयोजन: श्रावण सोमवार को कई भक्त रुद्राभिषेक का आयोजन करते हैं। यह भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक शक्तिशाली तरीका माना जाता है। इसमें मंत्रोच्चार के साथ शिवलिंग का विभिन्न पवित्र वस्तुओं से अभिषेक किया जाता है।

7. व्रत का उद्देश्य: यह व्रत केवल भगवान को प्रसन्न करने के लिए नहीं, बल्कि आत्म-नियंत्रण, अनुशासन और मन की शांति के लिए भी रखा जाता है। यह भक्तों को सात्विक जीवन जीने की प्रेरणा देता है।

8. उदाहरण: पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए श्रावण के सोमवार का व्रत किया था। यही कारण है कि यह व्रत अविवाहित लड़कियों के बीच बहुत लोकप्रिय है।

9. पर्यावरण से जुड़ाव: बेलपत्र, धतूरा और अन्य प्राकृतिक वस्तुएं जो पूजा में उपयोग होती हैं, वे प्रकृति के प्रति हमारे सम्मान को दर्शाती हैं। यह हमें पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करने की शिक्षा देता है।

10. आध्यात्मिक लाभ: श्रावणी सोमवार का व्रत और पूजन भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा और मानसिक शांति प्रदान करता है। इससे मन की नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मकता का संचार होता है।

आज का संदेश
इस श्रावणी सोमवार पर, आइए हम भगवान शिव की भक्ति में लीन होकर अपने मन को शुद्ध करें। मूंग की शिवामुठ चढ़ाकर समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त करें। ओम नमः शिवाय! 🕉�🙏

इमोजी, तस्वीरें और प्रतीक
तारीख: 11.08.2025 📅

दिन: सोमवार ⚪️

श्रावण मास: 🌿

शिवलिंग: 🔱

बेलपत्र: 🍃

गंगाजल: 💧

मूंग: 🥣

ओम: 🕉�

हाथ जोड़कर: 🙏

इमोजी सारांश
श्रावण सोमवार की हार्दिक शुभकामनाएं! 🙏 आज 11.08.2025 📅 को भगवान शिव की पूजा करें 🔱 और मूंग की शिवामुठ चढ़ाएं 🥣। ओम नमः शिवाय! 🕉�🌿

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-11.08.2025-सोमवार.
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