बैकाल झील: प्रकृति का एक गहरा रहस्य 🌊कविता: "बैकाल की गहराई"-🏞️🧊💧➡️📜✍️➡️🌌✨

Started by Atul Kaviraje, August 12, 2025, 04:10:41 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

बैकाल झील: प्रकृति का एक गहरा रहस्य 🌊

हिंदी कविता: "बैकाल की गहराई"-

चरण 1:
साइबेरिया के दिल में, एक झील बसी है,
गहराई की एक नई कहानी, जो लिखती है।
मीठे पानी का भंडार, दुनिया का सबसे गहरा,
बैकाल है उसका नाम, प्रकृति का सुनहरा।
अर्थ: साइबेरिया के बीचों-बीच एक झील है, जो गहराई की एक नई कहानी कहती है। यह दुनिया का सबसे गहरा, मीठे पानी का भंडार है, जिसका नाम बैकाल है और यह प्रकृति का एक सुनहरा उपहार है।

चरण 2:
पाँच हज़ार से ऊपर है, फ़ीट की गहराई,
देखकर जिसे, दुनिया है हैरान खड़ी।
बुर्ज खलीफ़ा भी, जिसमें समा जाए दो बार,
ऐसा है इसका अद्भुत, गहरा विस्तार।
अर्थ: इसकी गहराई 5,000 फीट से भी ज़्यादा है, जिसे देखकर दुनिया हैरान रह जाती है। यह इतनी गहरी है कि इसमें दो बुर्ज खलीफ़ा इमारतें भी समा सकती हैं।

चरण 3:
पानी है इसका इतना साफ़,
40 मीटर तक का है इसका माप।
जमने पर दिखते, नीचे के नज़ारे,
जैसे हों किसी और दुनिया के इशारे।
अर्थ: इसका पानी इतना साफ़ और पारदर्शी है कि जब यह जम जाता है, तो 40 मीटर तक नीचे की चीज़ें साफ़ दिखाई देती हैं, जैसे कि यह किसी और दुनिया का नज़ारा हो।

चरण 4:
लाखों साल पुरानी है यह झील,
जिसमें है जीव-जंतुओं की भीड़।
नरपा है यहाँ, जो सील है मीठे पानी की,
कहानी है यह अद्भुत, एक हरियाली की।
अर्थ: यह झील लाखों साल पुरानी है, जिसमें बहुत सारी अनोखी प्रजातियाँ रहती हैं। यहाँ मीठे पानी में रहने वाली नरपा सील भी है, यह एक अद्भुत और प्रकृति से जुड़ी कहानी है।

चरण 5:
सर्दी में जब यह जम जाती,
बुलबुलों की सुंदरता दिखाती।
नीली चमकती बर्फ़ का जादू,
देखे हर कोई, होकर बेकाबू।
अर्थ: जब सर्दी में यह झील जम जाती है, तो इसमें बर्फ़ के बुलबुलों की सुंदरता दिखाई देती है। नीली चमकती बर्फ़ का जादू देखने के लिए लोग बेताब रहते हैं।

चरण 6:
पृथ्वी की परतें, होती हैं यहाँ दूर,
भूकंप का है यहाँ, थोड़ा सा सुरूर।
हर साल होती है, थोड़ी सी चौड़ी,
यह प्रकृति की एक अद्भुत कड़ी।
अर्थ: यहाँ पृथ्वी की परतें एक-दूसरे से दूर हो रही हैं। इस वजह से यहाँ भूकंप भी आते रहते हैं और यह हर साल थोड़ी चौड़ी होती जा रही है। यह प्रकृति की एक अद्भुत श्रृंखला है।

चरण 7:
बैकाल नहीं है, बस एक झील,
यह है प्रकृति का एक अनमोल मील।
संरक्षण की है इसकी ज़रूरत,
जो दे सके हमें, एक नई सूरत।
अर्थ: बैकाल सिर्फ़ एक झील नहीं है, बल्कि यह प्रकृति का एक अनमोल खज़ाना है। इसके संरक्षण की बहुत ज़रूरत है, ताकि यह हमें एक बेहतर भविष्य दे सके।

[सारांश] : 🏞�🧊💧➡️📜✍️➡️🌌✨

--अतुल परब
--दिनांक-12.08.2025-मंगळवार.
===========================================