मंगला गौरी पूजन: अखंड सौभाग्य और समृद्धि का पर्व- 12 अगस्त, 2025-

Started by Atul Kaviraje, August 13, 2025, 11:03:48 AM

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Atul Kaviraje

मंगळI गौरी पूजन-

मंगला गौरी पूजन: अखंड सौभाग्य और समृद्धि का पर्व-

आज 12 अगस्त, 2025, मंगलवार है और आज का दिन मंगला गौरी पूजन के रूप में मनाया जा रहा है। यह पर्व विशेष रूप से श्रावण मास के मंगलवार को मनाया जाता है। इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए माता पार्वती की पूजा करती हैं। यह पर्व भक्ति, समर्पण और पति-पत्नी के अटूट प्रेम का प्रतीक है।

10 प्रमुख बिंदु जो मंगला गौरी पूजन के महत्व को दर्शाते हैं:

माता पार्वती की आराधना: मंगला गौरी पूजन माता पार्वती को समर्पित है, जिन्हें भगवान शिव की पत्नी और अखंड सौभाग्य की देवी माना जाता है। इस दिन उनकी पूजा करने से सुहागन महिलाओं को उनका विशेष आशीर्वाद मिलता है। 🙏

सौभाग्य की प्राप्ति: यह व्रत सुहागन महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य के लिए किया जाता है। माना जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है। 💍

पूजा विधि: इस दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं और नए वस्त्र पहनती हैं। वे माता गौरी की प्रतिमा स्थापित करती हैं और उनकी पूजा सोलह श्रृंगार की सामग्री से करती हैं। 🌸

16 प्रकार की पूजा सामग्री: इस पूजा में 16 प्रकार की पूजा सामग्री का उपयोग किया जाता है, जिसमें 16 दीपक, 16 पान के पत्ते, 16 सुपारी, 16 मोदक और 16 प्रकार के श्रृंगार शामिल हैं। यह संख्या 16 माता गौरी के सोलह श्रृंगारों का प्रतीक है। 🕯�

व्रत और कथा: मंगला गौरी के दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं और केवल शाम को ही भोजन करती हैं। इस दिन मंगला गौरी की कथा सुनना बहुत ही शुभ माना जाता है। 📖

पारिवारिक सुख और शांति: यह व्रत परिवार में सुख, शांति और समृद्धि लाता है। इसे करने से पति-पत्नी के रिश्ते में मिठास और प्रेम बढ़ता है। ❤️

अखंड सुहाग का वरदान: ऐसा माना जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से माता पार्वती सुहागन महिलाओं को अखंड सुहाग का वरदान देती हैं, जिससे उनका वैवाहिक जीवन हमेशा सुखमय बना रहता है। ✨

कन्याओं के लिए फल: कुंवारी कन्याएं भी यह व्रत अच्छे और योग्य वर की प्राप्ति के लिए करती हैं। इस व्रत से उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। 💖

समृद्धि का प्रतीक: यह पूजा घर में धन-धान्य और समृद्धि लाती है। माता गौरी की कृपा से घर में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती। 💰

सकारात्मकता का संचार: मंगला गौरी पूजन का व्रत और पूजा करने से मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे भक्तों का आत्मबल बढ़ता है और वे जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। 🌷

मंगला गौरी पूजन का यह पावन पर्व हमें माता पार्वती के प्रति हमारी भक्ति और समर्पण को दर्शाता है। यह एक ऐसा दिन है जब हम अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने और पति के कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं। 🕉�

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-12.08.2025-मंगळवार.
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