13 अगस्त 2025: पुण्यतिथियों का पावन दिवस 🙏 भक्तिभाव पूर्ण हिंदी कविता-😇🙏🕊️✨

Started by Atul Kaviraje, August 14, 2025, 11:38:03 AM

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Atul Kaviraje

1-पलसिद्ध स्वामी पुण्यतिथी-साखरखेर्डा, बुलढाणा-

2-गोदावरी माता पुण्यतिथी, साकुरी - जिल्हा-नगर-

3-बाबा महाराज पुण्यतिथी-पुणे-

4-मास्टर ऊर्फ महापुण्यतिथी-निजामपूर, तालुका-साक्री-

13 अगस्त 2025: पुण्यतिथियों का पावन दिवस 🙏

भक्तिभाव पूर्ण हिंदी कविता-

1. पुण्यतिथियों का पावन दिन आया,
संतों ने हमको राह दिखाया।
प्रेम, सेवा और भक्ति का मार्ग,
जीवन को जिसने है सजाया।

अर्थ: आज पुण्यतिथियों का पवित्र दिन है, जब हम उन संतों को याद करते हैं जिन्होंने हमें प्रेम, सेवा और भक्ति का सही रास्ता दिखाया।

2. पलसिद्ध स्वामी ने सेवा सिखाई,
गोदावरी माता ने निष्ठा जगाई।
बाबा महाराज ने भजन सुनाए,
मास्टर महा ने ज्योति जलाई।

अर्थ: संत पलसिद्ध स्वामी ने हमें सेवा का महत्व समझाया, गोदावरी माता ने साईं बाबा के प्रति गहरी निष्ठा का उदाहरण दिया, बाबा महाराज ने अपने भजनों से हमें भक्ति की ओर मोड़ा, और मास्टर महा ने ज्ञान की ज्योति जलाई।

3. साखरखेर्डा में गूंजे जयकार,
साकुरी में गूंजे नाम साकार।
पुणे और निजामपूर में भी,
भक्तों की भीड़ है अपार।

अर्थ: आज साखरखेर्डा, साकुरी, पुणे और निजामपूर जैसे पवित्र स्थानों पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है, जो इन संतों के जयकारे लगा रहे हैं।

4. उनके जीवन का हर एक पल,
हमको देता है नई प्रेरणा।
त्याग और तपस्या की गाथा,
हर दिल में है एक साधना।

अर्थ: इन संतों का हर पल हमें प्रेरणा देता है। उनके त्याग और तपस्या की कहानियां हर भक्त के दिल में एक साधना का भाव जगाती हैं।

5. कर्म ही पूजा है, ये सिखाया,
ईश्वर को मन में ही पाया।
भेदभाव मिटाकर सबके लिए,
उन्होंने प्रेम का दीप जलाया।

अर्थ: इन संतों ने हमें सिखाया कि कर्म ही सच्ची पूजा है और ईश्वर हमारे मन में ही निवास करते हैं। उन्होंने समाज से भेदभाव मिटाकर सभी के लिए प्रेम का दीप जलाया।

6. आज हम सब मिलकर ये ठाने,
उनके संदेशों को पहचाने।
जीवन को उनके जैसा बनाएं,
भक्ति और सेवा का मूल्य जाने।

अर्थ: आज हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम उनके दिए गए संदेशों को समझेंगे और उनके जैसा जीवन जीने का प्रयास करेंगे, जिसमें भक्ति और सेवा का गहरा महत्व हो।

7. चरणों में इनके हम शीश झुकाएं,
आशीर्वाद उनसे हम पाएं।
जीवन हो हमारा धन्य-धन्य,
जब इन संतों की राह पर जाएं।

अर्थ: हम इन महान संतों के चरणों में शीश झुकाकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। जब हम उनके दिखाए गए मार्ग पर चलते हैं, तो हमारा जीवन धन्य हो जाता है।

सारांश: 😇🙏🕊�✨🌟🎶💡🤲

--अतुल परब
--दिनांक-13.08.2025-बुधवार.
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