छींक क्यों आती है? 🤧 कविता: छींक का शोर 🤧🤧➡️🦠➡️🌬️💨➡️🧼🧹➡️☀️➡️😷➡️😌

Started by Atul Kaviraje, August 14, 2025, 04:39:41 PM

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Atul Kaviraje

छींक क्यों आती है? 🤧

कविता: छींक का शोर 🤧

चरण 1:
नाक में जब कोई कण जाए,
ना चाहते हुए भी कुछ हो जाए।
एक हलचल सी हो भीतर,
शरीर एक संकेत दे दे बाहर।

अर्थ: यह बताता है कि छींक की शुरुआत नाक में किसी बाहरी कण के प्रवेश से होती है। 👃✨

चरण 2:
धूल, पराग या हो कोई धुँआ,
ये सब नाक को देते हैं छुआ।
मस्तिष्क को मिलता है आदेश,
बाहर कर दो सब, हो जाए शेष।

अर्थ: यह बताता है कि धूल, परागकण जैसे तत्व छींक को ट्रिगर करते हैं और दिमाग से एक आदेश जाता है। 🍂💨

चरण 3:
फेफड़ों में भर जाती है हवा,
अचानक जैसे चले कोई हवा।
आँखें बंद, मुँह खुल जाए,
सब कुछ एक पल में निकल जाए।

अर्थ: छींक आने से पहले शरीर में क्या होता है, यह उसका वर्णन है - गहरी साँस, आँखें बंद होना। 🌬�👀

चरण 4:
एक पल में हो जाए सब साफ,
बाहर निकले हवा का सैलाब।
कीटाणु, कण सब हो जाएँ दूर,
शरीर हो जाए फिर से सुकून से भरपूर।

अर्थ: छींक के माध्यम से नाक की सफाई होती है और बाहरी तत्व बाहर निकल जाते हैं। 🧼🧹

चरण 5:
तेज रोशनी का भी है कमाल,
कुछ लोगों को करे बेहाल।
सूरज को देखते ही छींक आए,
यह भी एक अद्भुत ही खेल दिखाए।

अर्थ: यह बताता है कि कुछ लोगों को तेज रोशनी से भी छींक आती है, जिसे फोटो छींक प्रतिक्रिया कहते हैं। ☀️🤧

चरण 6:
छींक को कभी रोको मत,
यह शरीर का है एक नियम।
रुमाल से मुँह को ढँक लो तुम,
संक्रमण से बचा लो खुद को और तुम।

अर्थ: इस चरण में छींक को न रोकने और छींकते समय शिष्टाचार का पालन करने की सलाह दी गई है। 🛑😷

चरण 7:
तो छींकना एक प्रक्रिया है,
जो सुरक्षा की एक कवच है।
इसे समझो और स्वीकार करो,
स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ो।

अर्थ: यह कविता का निष्कर्ष है, जो छींक के महत्व को सुरक्षात्मक क्रिया के रूप में समझाता है। ✨🛡�

Emoji सारांश: 🤧➡️🦠➡️🌬�💨➡️🧼🧹➡️☀️➡️😷➡️😌

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-14.08.2025-गुरुवार.
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