हमें 'देजा वू' (Déjà Vu) क्यों होता है? 🤔

Started by Atul Kaviraje, August 14, 2025, 04:48:22 PM

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Atul Kaviraje

Tell Me Why?
Daily Life & Human Behavior:-
Why do we get déjà vu? 🤔 (Likely a brief glitch in memory processing.)

हमें 'देजा वू' (Déjà Vu) क्यों होता है? 🤔
'देजा वू' (Déjà Vu) एक फ्रांसीसी शब्द है, जिसका अर्थ है 'पहले देखा हुआ'। यह एक विचित्र और रहस्यमय अनुभव है, जहाँ हमें अचानक ऐसा महसूस होता है कि हम वर्तमान में जो कुछ भी देख या अनुभव कर रहे हैं, वह पहले भी हो चुका है। यह एहसास कुछ ही सेकंड्स के लिए रहता है और अक्सर एक अनजानी जगह पर या किसी नई घटना के दौरान होता है। यह एक बहुत ही सामान्य अनुभव है, जिसे लगभग 60-70% लोग अपने जीवन में कम से कम एक बार महसूस करते हैं। वैज्ञानिक इस घटना को समझने की कोशिश कर रहे हैं, और इसके पीछे कई सिद्धांत हैं, जिनमें से ज्यादातर का संबंध हमारे मस्तिष्क और उसकी याददाश्त की प्रक्रिया से है।

1. स्मृति प्रसंस्करण में गड़बड़ी (A Glitch in Memory Processing) 🧠
सबसे लोकप्रिय सिद्धांतों में से एक यह है कि 'देजा वू' हमारी स्मृति प्रसंस्करण (memory processing) में एक छोटी सी गड़बड़ी है। हमारा दिमाग किसी भी घटना को दो अलग-अलग रास्तों से स्मृति में संग्रहीत करता है। एक सिद्धांत के अनुसार, जब ये दो रास्ते एक साथ काम नहीं करते हैं, तो एक घटना पहले ही दिमाग में दर्ज हो जाती है, लेकिन हमारा सचेत मन (conscious mind) इसे देर से पहचानता है। इससे हमें ऐसा लगता है कि हम उस घटना को दोबारा देख रहे हैं।

2. मस्तिष्क के हिस्सों का अस्थायी असामंजस्य (Temporary Mismatch in Brain Regions) ⚡
हमारा दिमाग नई जानकारियों को तुरंत इकट्ठा और प्रोसेस करता है। 'देजा वू' तब हो सकता है जब दिमाग के अलग-अलग हिस्से, जैसे कि स्मृति (memory) और बोध (perception) से जुड़े हिस्से, कुछ समय के लिए एक साथ काम नहीं करते। जब जानकारी एक हिस्से में पहले पहुँच जाती है और दूसरे में देर से, तो हमें यह एहसास होता है कि यह अनुभव पहले भी हो चुका है।

3. ध्यान की कमी (Lack of Attention) 🧐
यह सिद्धांत बताता है कि जब हमारा ध्यान पूरी तरह से किसी घटना पर केंद्रित नहीं होता, तो 'देजा वू' हो सकता है। उदाहरण के लिए, जब हम किसी भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाते हैं, तो हमारा दिमाग पूरी जानकारी को तुरंत प्रोसेस नहीं कर पाता। जब हम बाद में उसी जानकारी पर ध्यान देते हैं, तो हमें ऐसा लगता है कि यह घटना पहले भी हो चुकी है, क्योंकि हमारा दिमाग इसे पहले ही अवचेतन रूप से देख चुका था।

4. मस्तिष्क के लोब (Lobes) का असामंजस्य 🔄
कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि 'देजा वू' का संबंध मस्तिष्क के टेम्पोरल लोब (temporal lobe) से है, जो याददाश्त और संवेदी जानकारी को प्रोसेस करता है। जब यह हिस्सा थोड़े समय के लिए असामान्य तरीके से सक्रिय हो जाता है, तो यह हमें किसी नए अनुभव को पुराने के रूप में महसूस करा सकता है।

5. सपनों और वास्तविकता के बीच भ्रम (Confusion Between Dreams and Reality) 😴
यह भी संभव है कि हमें 'देजा वू' तब होता है, जब हम किसी ऐसी स्थिति का सामना करते हैं, जो हमारे द्वारा देखे गए किसी सपने से मिलती-जुलती हो। हमारा दिमाग इस समानता को पहचानता है, लेकिन यह याद नहीं कर पाता कि यह सपना था। इससे हमें यह भ्रम होता है कि यह घटना पहले हो चुकी है।

6. दोहराव का भ्रम (Illusion of Repetition) 🔁
यह सिद्धांत बताता है कि 'देजा वू' सिर्फ एक भ्रम है। हमारा दिमाग किसी भी नए अनुभव के साथ एक परिचितता की भावना जोड़ देता है, जिससे हमें लगता है कि यह घटना पहले हो चुकी है। यह एक तरह की संज्ञानात्मक त्रुटि (cognitive error) है, जहाँ दिमाग एक नए अनुभव को गलती से एक पुराने अनुभव के रूप में व्याख्या करता है।

7. न्यूरॉनल थकान (Neuronal Fatigue) 🧠💤
कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि 'देजा वू' तब होता है जब मस्तिष्क के कुछ न्यूरॉन्स अस्थायी रूप से थक जाते हैं। यह थकान तब होती है जब न्यूरॉन्स एक ही काम बार-बार करते हैं। इससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है और वे एक नए अनुभव को भी पुराने के रूप में गलत तरीके से प्रोसेस कर सकते हैं।

8. उम्र और 'देजा वू' 👴
आमतौर पर 'देजा वू' का अनुभव युवावस्था में अधिक होता है और उम्र बढ़ने के साथ-साथ इसकी घटना कम हो जाती है। यह सुझाव देता है कि 'देजा वू' हमारे दिमाग के विकास और उसकी कार्यप्रणाली से संबंधित हो सकता है।

9. कोई बीमारी का लक्षण? 🩺
कुछ दुर्लभ मामलों में, 'देजा वू' मिर्गी (epilepsy) जैसी तंत्रिका संबंधी बीमारियों का लक्षण हो सकता है, खासकर टेम्पोरल लोब मिर्गी का। हालांकि, स्वस्थ लोगों में होने वाला 'देजा वू' पूरी तरह से सामान्य और हानिरहित होता है।

10. रहस्य और उत्सुकता का कारण (Reason for Mystery and Curiosity) 🤔
वैज्ञानिकों के लिए 'देजा वू' आज भी एक रहस्य बना हुआ है। इसके पीछे का सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से ज्ञात नहीं है। यही कारण है कि यह अनुभव हमें इतना उत्सुक और हैरान करता है। यह हमारे मस्तिष्क की जटिलता और याददाश्त के काम करने के तरीके को दर्शाता है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-14.08.2025-गुरुवार.
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