बृहस्पति पूजन: भक्ति और श्रद्धा का पावन पर्व-🙏✨💛🌿💰📚📜📖👑🍲🎁🎉💖

Started by Atul Kaviraje, August 15, 2025, 12:00:06 PM

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Atul Kaviraje

बृहस्पति पूजन-

बृहस्पति पूजन: भक्ति और श्रद्धा का पावन पर्व-

बृहस्पतिवार, जिसे गुरुवार भी कहते हैं, हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखता है। यह दिन देवगुरु बृहस्पति को समर्पित है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बृहस्पति ग्रह ज्ञान, विद्या, धर्म, संतान और वैवाहिक जीवन का कारक माना जाता है। इस दिन बृहस्पति देव की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है। इस विस्तृत लेख में हम बृहस्पतिवार के पूजन विधि, महत्व और उससे जुड़े रोचक तथ्यों पर प्रकाश डालेंगे। 🙏🌟

1. बृहस्पति पूजन का महत्व
बृहस्पति पूजन का सबसे प्रमुख कारण ग्रहों के राजा बृहस्पति को प्रसन्न करना है। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं, संतान सुख की प्राप्ति होती है और धन-धान्य में वृद्धि होती है। जो लोग विद्या और ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं, उनके लिए भी यह दिन बहुत शुभ है। 💰📚

2. पूजा की तैयारी
बृहस्पतिवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें। पीला रंग बृहस्पति देव को अति प्रिय है। पूजा स्थल को साफ करके केले के पेड़ को धोकर उस पर जल चढ़ाएँ। केले के पेड़ को पूजा का मुख्य केंद्र माना जाता है। 🟡🍌

3. पूजन विधि
सबसे पहले गणेश जी का स्मरण करके पूजा आरंभ करें। फिर बृहस्पति देव की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। उन्हें पीले फूल, हल्दी, चने की दाल और गुड़ अर्पित करें। हल्दी का तिलक लगाएं और दीपक जलाएं। इसके बाद बृहस्पति देव की कथा का पाठ करें और अंत में आरती करें। 🕯�📜

4. कथा का सार
गुरुवार व्रत की कथा अत्यंत प्रेरणादायक है। एक कथा के अनुसार, एक गरीब ब्राह्मण की पत्नी को बृहस्पति देव ने पूजा का महत्व समझाया। जब उसने श्रद्धापूर्वक व्रत रखा तो उसके घर में सुख-समृद्धि लौट आई। एक अन्य कथा में राजा और रानी के बारे में बताया गया है, जिसमें रानी के अहंकार के कारण उसे कष्टों का सामना करना पड़ा और बाद में उसने व्रत रखकर देवगुरु को प्रसन्न किया। 📖👑

5. केले के पेड़ का महत्व
केले का पेड़ बृहस्पति देव का प्रतीक माना जाता है। इसकी पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। केले के पेड़ के पास घी का दीपक जलाने से घर के सभी कष्ट दूर होते हैं। 🌳✨

6. दान और प्रसाद
इस दिन पीली वस्तुओं का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। इसमें चने की दाल, हल्दी, गुड़, पीले वस्त्र और पीले फल शामिल हैं। पूजा के बाद यह प्रसाद स्वयं भी खाएं और दूसरों को भी वितरित करें। 🎁🍌

7. खान-पान के नियम
गुरुवार के व्रत में नमक का सेवन नहीं किया जाता। भोजन में पीली वस्तुओं का ही प्रयोग किया जाता है, जैसे कि चने की दाल, बेसन और गुड़। इस दिन केवल एक बार भोजन करना चाहिए। 🍲🚫

8. बृहस्पति देव का ज्योतिषीय महत्व
बृहस्पति ग्रह को नवग्रहों में सबसे शुभ माना जाता है। यह ज्ञान, समृद्धि और भाग्य का प्रतीक है। यदि कुंडली में बृहस्पति कमजोर हो तो व्यक्ति को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पूजा और व्रत से इस ग्रह को मजबूत किया जा सकता है। 🔭🌌

9. वास्तु में महत्व
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में पीले रंग का प्रयोग करने से बृहस्पति ग्रह का शुभ प्रभाव बढ़ता है। बृहस्पतिवार के दिन घर में पीले फूल रखने और हल्दी का उपयोग करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। 🏡💛

10. आधुनिक जीवन में प्रासंगिकता
आज के व्यस्त जीवन में भी बृहस्पतिवार की पूजा का महत्व बना हुआ है। यह दिन हमें आत्म-अनुशासन, श्रद्धा और सकारात्मकता सिखाता है। यह हमें प्रकृति से जुड़ने और ईश्वर के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर देता है। 🙏💖

इमोजी सारांश:
🙏✨💛🌿💰📚📜📖👑🍲🎁🎉💖

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-14.08.2025-गुरुवार.
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