सूअर क्यों नहीं देख पाते आसमान? 🐖⬆️-🐖🧐🐽🧠😊💪💖

Started by Atul Kaviraje, August 15, 2025, 06:23:30 PM

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Atul Kaviraje

सूअर क्यों नहीं देख पाते आसमान? 🐖⬆️-

सूअर पर हिंदी कविता-

१. पहला चरण:
सूअर कभी नहीं देख पाए आसमान,
यह है उसकी गर्दन की पहचान।
सिर उठा न पाए ऊपर,
बस करे धरती पर काम।
(अर्थ: सूअर कभी आसमान नहीं देख पाते, यह उनकी गर्दन की बनावट की वजह से है। वे अपना सिर ऊपर नहीं उठा पाते और बस धरती पर ही अपना काम करते रहते हैं।)
🐖🧐

२. दूसरा चरण:
सूंड से वह खोजे दाने,
मीठी-मीठी जड़ें और खाने।
जमीन से है उसका नाता,
यह बात है सबको पता।
(अर्थ: वह अपनी सूंड से जमीन में दाने और स्वादिष्ट जड़ें खोजता है। जमीन से उसका गहरा रिश्ता है, यह बात सभी को पता है।)
🐽🌾

३. तीसरा चरण:
बुद्धिमान है वह बहुत ही,
समझता है हर बात को सही।
कीचड़ में लोटता है,
फिर भी वह साफ रहना चाहे।
(अर्थ: वह बहुत बुद्धिमान है और हर बात को सही समझता है। वह कीचड़ में लोटता है, फिर भी वह साफ रहना पसंद करता है।)
🧠🚿

४. चौथा चरण:
चीखता है जब मिले खाना,
झुंड में रहना है उसका ठिकाना।
मिल-जुल कर सब साथ रहें,
हर पल खुशियाँ ही मनाएं।
(अर्थ: जब उसे खाना मिलता है तो वह खुशी से चीखता है। झुंड में रहना उसका स्वभाव है, सब मिल-जुल कर साथ रहते हैं और खुशियाँ मनाते हैं।)
🔊😊

५. पांचवा चरण:
मांस है उसका बहुत ही जरूरी,
बन जाती है उससे कई चीजें।
किसान का सच्चा साथी,
वह है हर घर की जरूरत।
(अर्थ: उसका मांस बहुत जरूरी होता है, और उससे कई चीजें बनती हैं। वह किसान का सच्चा साथी है और हर घर की जरूरत है।)
🥓🤝

६. छठा चरण:
हमें यह कहानी सिखाती,
कमजोरी नहीं है कोई बाधा।
अपनी ताकत को पहचानो,
फिर हो जाएगी हर मुश्किल आधा।
(अर्थ: यह कहानी हमें सिखाती है कि कमजोरी कोई बाधा नहीं है। हमें अपनी ताकत को पहचानना चाहिए, जिससे हर मुश्किल आधी हो जाएगी।)
💪🌟

७. सातवां चरण:
हर जीव की है एक पहचान,
कुदरत का है यह अनुपम दान।
उनको समझो, प्यार करो,
तभी बढ़ेगा यह जग महान।
(अर्थ: हर जीव की अपनी एक पहचान होती है, जो प्रकृति का एक अनोखा तोहफा है। हमें उन्हें समझना चाहिए और प्यार करना चाहिए, तभी यह दुनिया महान बनेगी।)
💖🌍

इमोजी सारांश: 🐖🧐🐽🧠😊💪💖

--अतुल परब
--दिनांक-15.08.2025-शुक्रवार.
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