आर्थिक मंदी क्यों आती है?-📉🏦😔💰⚡❓

Started by Atul Kaviraje, August 16, 2025, 08:39:42 PM

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Atul Kaviraje

"But Why"-
But why do economic recessions occur?

"पर क्यों?" - आर्थिक मंदी क्यों आती है?-

विषय: "आर्थिक मंदी क्यों आती है?" (अर्थशास्त्र पर आधारित)
लेख का प्रकार: विवेचनात्मक, आर्थिक, विस्तृत

आर्थिक मंदी (Recession) एक ऐसी स्थिति है जिसके बारे में हम अक्सर समाचारों में सुनते हैं। यह वह समय होता है जब अर्थव्यवस्था में सब कुछ धीमा हो जाता है, कंपनियाँ घाटे में जाती हैं और बेरोजगारी बढ़ती है। यह सवाल कि "आर्थिक मंदी क्यों आती है?" एक बहुत ही महत्वपूर्ण और जटिल प्रश्न है, जिसका उत्तर अर्थशास्त्रियों के बीच भी बहस का विषय रहा है। आर्थिक मंदी किसी एक कारण से नहीं आती, बल्कि यह कई कारकों के संयोजन का परिणाम होती है।

1. मांग में अचानक कमी (Sudden Drop in Demand)
आर्थिक मंदी का एक प्रमुख कारण समग्र मांग (Aggregate Demand) में अचानक कमी आना है। जब उपभोक्ता और कंपनियाँ कम खर्च करना शुरू करती हैं, तो वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री घट जाती है। इससे कंपनियों को उत्पादन कम करना पड़ता है और वे कर्मचारियों की छंटनी करने लगती हैं।

उदाहरण: यदि लोग कार खरीदना बंद कर दें, तो कार बनाने वाली कंपनियों को उत्पादन कम करना पड़ेगा और वे कर्मचारियों को निकालना शुरू कर देंगी।

2. वित्तीय बाजार में संकट (Financial Market Crisis)
वित्तीय बाजार में संकट, जैसे कि बैंक का फेल होना या स्टॉक मार्केट का अचानक गिरना, आर्थिक मंदी को ट्रिगर कर सकता है। जब लोगों का वित्तीय प्रणाली पर से भरोसा उठ जाता है, तो वे निवेश और खर्च करना बंद कर देते हैं।

उदाहरण: 2008 की वैश्विक मंदी, जो अमेरिका में हाउसिंग बबल के फटने और बैंकों के विफल होने से शुरू हुई थी।

3. संपत्ति बुलबुले का फटना (Bursting of an Asset Bubble)
जब किसी विशेष संपत्ति (जैसे रियल एस्टेट या स्टॉक) की कीमत उसके वास्तविक मूल्य से बहुत अधिक बढ़ जाती है, तो उसे बुलबुला (Bubble) कहते हैं। जब यह बुलबुला फटता है, तो कीमतें तेजी से गिरती हैं, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान होता है और वे अपना खर्च कम कर देते हैं।

4. अति-उत्पादन (Overproduction)
जब कंपनियाँ बाजार की मांग से अधिक उत्पादन करती हैं, तो उनके पास बिना बिकी हुई वस्तुओं का ढेर लग जाता है। इससे उन्हें उत्पादन कम करने और कीमतें घटाने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जिससे मुनाफा कम होता है और आर्थिक गतिविधि धीमी हो जाती है।

5. मुद्रास्फीति (Inflation)
उच्च और अनियंत्रित मुद्रास्फीति भी मंदी का कारण बन सकती है। जब वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें बहुत तेजी से बढ़ती हैं, तो लोगों की खरीदने की शक्ति कम हो जाती है। केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरें बढ़ाते हैं, जिससे उधार लेना महंगा हो जाता है और आर्थिक गतिविधि और भी धीमी हो जाती है।

6. आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान (Supply Chain Disruptions)
वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान, जैसे कि प्राकृतिक आपदाएँ, युद्ध या महामारी, उत्पादन को बाधित कर सकते हैं। इससे वस्तुओं की उपलब्धता कम हो जाती है और कीमतें बढ़ जाती हैं, जो अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचाती है।

उदाहरण: COVID-19 महामारी के दौरान, कई फैक्ट्रियाँ बंद हो गईं, जिससे उत्पादों की आपूर्ति बाधित हुई।

7. सरकारी नीतियाँ (Government Policies)
सरकार की गलत नीतियाँ भी मंदी का कारण बन सकती हैं। अत्यधिक कर लगाना, कम खर्च करना या व्यापार पर कठोर नियम लगाना आर्थिक विकास को बाधित कर सकता है।

8. उपभोक्ता का विश्वास कम होना (Decline in Consumer Confidence)
जब लोग भविष्य के बारे में अनिश्चित महसूस करते हैं, तो वे कम खर्च करते हैं और अधिक बचत करते हैं। यह उपभोक्ता विश्वास में कमी (Decline in Consumer Confidence) आर्थिक चक्र को धीमा कर देती है।

9. निवेश में कमी (Decrease in Investment)
जब कंपनियाँ और निवेशक भविष्य को लेकर आशावादी नहीं होते, तो वे नए प्रोजेक्ट में निवेश करना बंद कर देते हैं। निवेश में कमी से नौकरियों का सृजन धीमा हो जाता है और अर्थव्यवस्था में ठहराव आ जाता है।

10. चक्रीय प्रक्रिया (Cyclical Process)
अर्थव्यवस्थाएँ एक चक्रीय प्रक्रिया में चलती हैं, जिसमें तेजी (Expansion) और मंदी (Recession) के चरण आते हैं। मंदी अक्सर एक लंबी तेजी के बाद आती है, जब बाजार और निवेशक जोखिम उठाने लगते हैं और अस्थिरता बढ़ती है।

प्रतीक और इमोजी:

गिरता हुआ ग्राफ 📉: मंदी, गिरावट

बंद दुकान 🏦: व्यापार में कमी

बेरोजगार व्यक्ति 😔: बेरोजगारी

पैसों का थैला 💰: खर्च, निवेश

बिजली कड़कना ⚡: संकट

प्रश्नचिह्न ❓: अनिश्चितता

इमोजी सारांश:
📉🏦😔💰⚡❓

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-16.08.2025-शनिवार.
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