हिंदी कविता: 'रोशनी का नया सफर'-

Started by Atul Kaviraje, August 18, 2025, 04:38:10 PM

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Atul Kaviraje

अक्षय ऊर्जा को सही मायने में कैसे बड़े पैमाने पर लागू किया जा सकता है?-

हिंदी कविता: 'रोशनी का नया सफर'-

1. पहला चरण
धुआँ-धुआँ हर जगह था, काला-काला आसमान।
जल रही थी धरती सारी, सह रहा था हर इंसान।
सोचा हमने कुछ नया हो, कुछ उजाला अब आए।
सूरज और हवा से, जीवन फिर से खिल जाए।

अर्थ: यह चरण बताता है कि कैसे प्रदूषण ने हमारे जीवन को प्रभावित किया है और अब हमें एक नए, स्वच्छ ऊर्जा स्रोत की तलाश है।

2. दूसरा चरण
सूर्य की शक्ति है अपार, धरती को नया जीवन दे।
पवन की हर लहर में, एक नई ऊर्जा हम लें।
ये अक्षय हैं, कभी न थकें, ये तो प्रकृति का दान।
इनको ही अपनाकर, हम बनें फिर से महान।

अर्थ: इस चरण में सौर और पवन ऊर्जा की अनंत शक्ति का वर्णन है, जो प्रकृति का एक अमूल्य उपहार है।

3. तीसरा चरण
लेकिन सूरज ढल जाता, हवा भी थम जाती है।
तो फिर बिजली कैसे आए, ये चिंता मन में आती है।
बैटरी की ताकत बढ़े, भंडारण की हो कला।
ऊर्जा रहे सुरक्षित, न जाए व्यर्थ वो जला।

अर्थ: यह चरण ऊर्जा भंडारण की समस्या और उसके समाधान पर प्रकाश डालता है, जिसमें बैटरी और अन्य तकनीकों का उपयोग शामिल है।

4. चौथा चरण
पुराने ग्रिड को बदलें, एक स्मार्ट ग्रिड लाएं।
जो हर घर से ऊर्जा ले, हर जरूरत को सुलझाए।
सरकारें भी साथ दें, सब्सिडी का दामन थामें।
ताकि हर कोई अपनाए, ये स्वच्छ ऊर्जा के काम।

अर्थ: इस चरण में स्मार्ट ग्रिड की आवश्यकता और सरकारी नीतियों की भूमिका पर जोर दिया गया है, जो अक्षय ऊर्जा को अपनाने में मदद करेंगी।

5. पांचवाँ चरण
शोध में भी हो तरक्की, नई तकनीकें आएं।
सस्ती हों, ज्यादा कुशल, सबको ये भाएं।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से, एक-दूसरे को हम सीख दें।
हर देश को ताकत मिले, हर जरूरत की भीख दें।

अर्थ: यह चरण बताता है कि कैसे अनुसंधान, विकास और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से अक्षय ऊर्जा की लागत कम की जा सकती है और इसका उपयोग बढ़ाया जा सकता है।

6. छठा चरण
बड़े-बड़े पावर प्लांट, अब हर घर में हों स्थापित।
छत पर लगे सोलर, हर गली हो प्रकाशित।
जागरूकता फैलाएं, सबको इसका ज्ञान दें।
बड़ी-बड़ी कंपनियां भी, इसमें अपना योगदान दें।

अर्थ: इस चरण में विकेंद्रीकृत ऊर्जा उत्पादन (जैसे रूफटॉप सोलर) और सार्वजनिक जागरूकता के महत्व पर जोर दिया गया है।

7. सातवाँ चरण
चलो सब मिलकर एक हो, इस बदलाव का हिस्सा बनें।
सुंदर, स्वच्छ दुनिया का, एक नया इतिहास रचें।
यही हमारा कर्तव्य है, यही है हमारा धर्म।
अक्षय ऊर्जा अपनाएं, जीवन हो जाए कर्म।

अर्थ: यह अंतिम चरण हमें एक साथ आकर अक्षय ऊर्जा को अपनाने और एक बेहतर भविष्य बनाने के लिए प्रेरित करता है।

--अतुल परब
--दिनांक-18.08.2025-सोमवार.
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