टालमटोल की आदत को लगातार कैसे दूर करें?- हिंदी कविता: 'कल की चिंता छोड़ो आज'-

Started by Atul Kaviraje, August 18, 2025, 04:40:50 PM

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Atul Kaviraje

टालमटोल की आदत को लगातार कैसे दूर करें?-

हिंदी कविता: 'कल की चिंता छोड़ो आज'-

1. पहला चरण
कल करूँगा, कल करूँगा, ये मन में आता है।
काम ज़रूरी होता है, पर मन बहल जाता है।
फिर समय निकल जाता, बस अफसोस ही बचता है।
टालमटोल की ये आदत, हर सपने को कुचलती है।

अर्थ: यह चरण टालमटोल की आदत और उसके परिणामों का वर्णन करता है, जिसमें काम टालने के बाद होने वाला पछतावा शामिल है।

2. दूसरा चरण
काम बड़ा जब दिखे, मन घबरा जाता है।
पहाड़ जैसा लगता, हिम्मत नहीं हो पाता है।
छोटे-छोटे टुकड़ों में, उसको तुम बांटो।
हर छोटा कदम उठाओ, मंजिल तक तुम छाओ।

अर्थ: इस चरण में बताया गया है कि कैसे बड़े कामों को छोटे-छोटे हिस्सों में तोड़कर काम को आसान बनाया जा सकता है।

3. तीसरा चरण
घड़ी देखो, लगा लो टाइमर, बस थोड़ा ही करना है।
पांच मिनट ही सही, हिम्मत से आगे बढ़ना है।
एक बार जब शुरू हो जाओ, तो रोकना मुश्किल होगा।
रफ्तार बन जाएगी, काम का बोझ कम होगा।

अर्थ: यह चरण 5-मिनट के नियम और पोमोडोरो तकनीक के महत्व को बताता है, जिससे काम शुरू करना आसान हो जाता है।

4. चौथा चरण
पुरस्कार खुद को दो, काम पूरा होने पर।
एक छोटा सा तोहफा, अपनी मेहनत पर।
मन को इससे खुशी मिले, वो उत्साहित हो जाए।
और मेहनत करने को, वो फिर से लग जाए।

अर्थ: इस चरण में बताया गया है कि कैसे खुद को इनाम देने से काम करने की प्रेरणा मिलती है।

5. पांचवाँ चरण
फोन दूर रखो, नोटिफिकेशन बंद करो।
दुनिया को थोड़ी देर, अपनी आंखों से बंद करो।
काम की जगह शांत हो, कोई न हो रुकावट।
तो काम जल्दी होगा, न होगी कोई आहट।

अर्थ: यह चरण काम के दौरान ध्यान भटकाने वाली चीजों को दूर रखने के महत्व पर जोर देता है।

6. छठा चरण
परफेक्ट होने की चाह में, काम को मत टालो।
थोड़ा कच्चा ही सही, बस उसे कर डालो।
बाद में सुधार लेना, जब तुम इसे बनाओगे।
बिना शुरू किए, तो कुछ भी न पाओगे।

अर्थ: इस चरण में बताया गया है कि कैसे पूर्णतावाद की चाहत काम को टालने का कारण बनती है और अधूरे काम को शुरू करने की प्रेरणा देता है।

7. सातवाँ चरण
जवाबदेह बनो खुद से, और समय का करो सम्मान।
हर एक पल की कीमत है, ये रखो हमेशा ध्यान।
टालमटोल को हराओ, अपनी राह तुम बनाओ।
हर दिन एक नई जीत, और सफलता पाओ।

अर्थ: यह अंतिम चरण हमें खुद के प्रति जवाबदेह बनने और टालमटोल की आदत को पूरी तरह से छोड़ने के लिए प्रेरित करता है।

--अतुल परब
--दिनांक-18.08.2025-सोमवार.
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