आत्मविश्वास कैसे बनाएं?- हिंदी कविता: 'आत्मविश्वास की राह'-

Started by Atul Kaviraje, August 18, 2025, 04:48:42 PM

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Atul Kaviraje

आत्मविश्वास कैसे बनाएं?-

हिंदी कविता: 'आत्मविश्वास की राह'-

1. पहला चरण
मन में जब भी डर आए, और हिम्मत टूट सी जाए।
दुनिया लगे बड़ी-बड़ी, हर रास्ता मुश्किल से खुल पाए।
तो खुद को देखो दर्पण में, अपनी ताकत पहचानो तुम।
क्योंकि तुममें ही है वो शक्ति, बस खुद पर विश्वास करो तुम।

अर्थ: यह चरण आत्मविश्वास की कमी की भावना और स्वयं को पहचानने के महत्व का वर्णन करता है।

2. दूसरा चरण
छोटी-छोटी जीत मनाओ, हर कदम पर खुशियाँ पाओ।
एक छोटा लक्ष्य भी पूरा, तो खुद को शाबाशी दो।
नकारात्मक सोच को छोड़ो, सकारात्मक बातें करो।
"मैं कर सकता हूँ" ये बोलो, हर बाधा को पार करो।

अर्थ: इस चरण में छोटी सफलताओं का जश्न मनाने और सकारात्मक आत्म-बातचीत के माध्यम से आत्मविश्वास बढ़ाने की बात कही गई है।

3. तीसरा चरण
सीधा खड़े हो, कंधे पीछे, नज़रें हों सीधी-सीधी।
शरीर की भाषा बोलेगी, तेरी हिम्मत कितनी बड़ी।
डर को पीछे छोड़ो तुम, नए अनुभवों से मिलो।
आराम क्षेत्र से बाहर आओ, हर चुनौती से तुम भिड़ो।

अर्थ: यह चरण शारीरिक मुद्रा और आराम क्षेत्र से बाहर निकलने के महत्व पर जोर देता है।

4. चौथा चरण
ज्ञान की प्यास जगाओ, हर दिन कुछ नया सीखो।
हुनर को अपने बढ़ाओ, हर पल आगे बढ़ो।
क्योंकि विद्या ही है वो शक्ति, जो मन में रौशनी भरती।
जब ज्ञान साथ हो तेरे, तो हर चुनौती डरती।

अर्थ: यह चरण ज्ञान और कौशल प्राप्त करने के महत्व को बताता है, जिससे आत्मविश्वास बढ़ता है।

5. पांचवाँ चरण
गिरना कोई हार नहीं, बस सीख का ये अवसर है।
उठो फिर से, संभलो तुम, ये जीवन का ही तो सफर है।
गलतियों से न डरो तुम, उनसे ही सीखो राह।
हर ठोकर एक सबक है, बस आगे बढ़ने की चाह।

अर्थ: इस चरण में असफलता को सीखने के अवसर के रूप में देखने और उससे निराश न होने की प्रेरणा दी गई है।

6. छठा चरण
स्वयं का भी ध्यान रखो, ये तन-मन दोनों प्यारे।
अच्छा खाओ, अच्छी नींद लो, न करो कोई किनारे।
दूसरों से तुलना मत करो, हर कोई है अलग यहाँ।
अपनी ही राह पर चलो, अपनी पहचान बनाओ यहाँ।

अर्थ: यह चरण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने और दूसरों से तुलना न करने के महत्व पर प्रकाश डालता है।

7. सातवाँ चरण
जो वादा करो खुद से, उसे पूरा करके दिखाओ।
हर एक संकल्प को अपने, कर्म में तुम लाओ।
यही तो है असली ताकत, यही है असली सम्मान।
आत्मविश्वास की ये राह, बनाएगी तुम्हें महान।

अर्थ: यह अंतिम चरण हमें अपने वादों को पूरा करने और क्रियान्वयन के माध्यम से वास्तविक आत्मविश्वास प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।

--अतुल परब
--दिनांक-18.08.2025-सोमवार.
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