कृष्णा नदी उत्सव-कऱ्हाड- कृष्णा नदी पर हिंदी कविता 📝-💧🎶🏞️🙏❤️🎊🕯️💖🌷🕊️

Started by Atul Kaviraje, August 19, 2025, 11:45:50 AM

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Atul Kaviraje

कृष्णा नदी उत्सव-कऱ्हाड-

कृष्णा नदी पर हिंदी कविता 📝-

1. चरण:

कृष्णा, तू जीवन की धारा,
बहती जाए हर किनारा।
तेरे जल में है अमृत,
हर कण में है संगीत।

अर्थ: हे कृष्णा, तुम जीवन की धारा हो और हर किनारे को सींचती हो। तुम्हारे जल में अमृत है और इसके हर कण में एक संगीत छिपा हुआ है।

2. चरण:

कल-कल करती तेरी वाणी,
सुनाए पुरानी कहानी।
ऋषियों ने यहाँ तप साधा,
तेरी महिमा है अगाधा।

अर्थ: तुम्हारी कल-कल की ध्वनि पुरानी कहानियों को कहती है। ऋषियों ने तुम्हारे किनारे पर तपस्या की है, और तुम्हारी महिमा असीमित है।

3. चरण:

कऱ्हाड में तेरा संगम,
लाखों दिलों का संगम।
भक्ति का बहता प्रवाह,
मन में भरता है चाव।

अर्थ: कऱ्हाड में तुम्हारा संगम है, जहाँ लाखों भक्तों के दिल भी मिलते हैं। यहाँ भक्ति का प्रवाह बहता है, जो मन में उत्साह और उमंग भर देता है।

4. चरण:

घाटों पर जलते हैं दीप,
तेरा सौंदर्य है अतीव।
आरती की गूंज सुनाई,
हर दिल में शांति समाई।

अर्थ: घाटों पर जलते हुए दीये तुम्हारी सुंदरता को और भी बढ़ाते हैं। आरती की ध्वनि गूँजती है, जिससे हर किसी के दिल में शांति का वास होता है।

5. चरण:

तू अन्नपूर्णा, तू जीवनदायिनी,
सबके कष्टों का हरणकारिणी।
तेरे बिना जीवन अधूरा,
तू ही है सबका सहारा।

अर्थ: तुम अन्नपूर्णा हो और जीवन देने वाली हो। तुम सबके दुखों को दूर करती हो। तुम्हारे बिना जीवन अधूरा है, तुम ही सबका सहारा हो।

6. चरण:

फूलों से सजी तेरी नाव,
बहता जाए श्रद्धा का भाव।
तुझसे मिलता है सुकून,
मन हो जाता है सुकून।

अर्थ: फूलों से सजी हुई तुम्हारी नौकाएँ श्रद्धा की भावना को आगे बढ़ाती हैं। तुमसे ही मन को शांति और सुकून मिलता है।

7. चरण:

रक्षा कर तू अपनी, माँ,
यह प्रार्थना है सबकी, माँ।
स्वच्छ और पवित्र रहे तू,
हम सब तुझसे ही बने हैं, माँ।

अर्थ: हे माँ, अपनी रक्षा करो। यह हम सबकी प्रार्थना है। तुम हमेशा स्वच्छ और पवित्र रहो, क्योंकि हम सब तुमसे ही बने हैं।

इमोजी सारांश: 📝💧🎶🏞�🙏❤️🎊🕯�💖🌷🕊�

--अतुल परब
--दिनांक-18.08.2025-सोमवार.
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