अगस्ती ऋषी यात्रा: अंकाई, तालुका-येवला, जिल्हा-नाशिक 🌿-📝🏞️🙏📚💖🧗‍♂️🌿🍃✨

Started by Atul Kaviraje, August 19, 2025, 11:49:21 AM

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Atul Kaviraje

अगस्ती ऋषी यात्रा: अंकाई, तालुका-येवला, जिल्हा-नाशिक 🌿-

अगस्ती ऋषी यात्रा पर हिंदी कविता 📝-

1. चरण:

अंकाई की ऊँची पहाड़ी,
वहाँ बसे हैं अगस्ती ऋषी।
ज्ञान का दीपक जलाया,
हर मन को समझाया।

अर्थ: अंकाई की ऊँची पहाड़ी पर ऋषि अगस्ती बसते हैं। उन्होंने ज्ञान का दीपक जलाया और हर मन को ज्ञान का मार्ग समझाया।

2. चरण:

पदचिन्ह उनके यहाँ है,
ज्ञान की गंगा वहाँ है।
हर यात्री यहाँ आए,
आत्मज्ञान पाए।

अर्थ: उनके पदचिन्ह यहाँ हैं और ज्ञान की गंगा यहाँ बहती है। हर यात्री यहाँ आता है और आत्मज्ञान प्राप्त करता है।

3. चरण:

कठिन है यह चढ़ाई,
मन की शुद्धि है कमाई।
हर कदम पर है विश्वास,
ऋषि का मिलता है आशीष।

अर्थ: यह चढ़ाई कठिन है, लेकिन यह मन की शुद्धि की कमाई है। हर कदम पर विश्वास है और ऋषि का आशीर्वाद मिलता है।

4. चरण:

गुफाओं में तेरी तपस्या,
दूर हो हर मन की समस्या।
जंगल में तेरा वास,
देता है मन को विश्वास।

अर्थ: गुफाओं में तुम्हारी तपस्या है, जिससे हर मन की समस्या दूर हो जाती है। जंगल में तुम्हारा वास है, जो मन को विश्वास देता है।

5. चरण:

तू विज्ञान का दाता,
ज्ञान का तू है श्रोता।
तेरी कृपा से सब कुछ ज्ञान,
तू ही है हमारा भगवान।

अर्थ: तुम विज्ञान के दाता हो और ज्ञान के स्रोत हो। तुम्हारी कृपा से ही सब कुछ ज्ञान मिलता है। तुम ही हमारे भगवान हो।

6. चरण:

शांत पहाड़ और वन,
देते हैं मन को सुकून।
प्रकृति की है गोद,
ऋषि देते हैं ज्ञान का बोध।

अर्थ: शांत पहाड़ और वन मन को सुकून देते हैं। यह प्रकृति की गोद है, जहाँ ऋषि ज्ञान का बोध देते हैं।

7. चरण:

अगस्ती, तेरा ध्यान रहे,
सदा हमारा मान रहे।
ज्ञान की राह दिखाते,
जीवन सफल बनाते।

अर्थ: हे अगस्ती, तुम्हारा ध्यान रहे और हमारा मान बना रहे। तुम ज्ञान की राह दिखाते हो और हमारे जीवन को सफल बनाते हो।

इमोजी सारांश: 📝🏞�🙏📚💖🧗�♂️🌿🍃✨

--अतुल परब
--दिनांक-18.08.2025-सोमवार.
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