बढ़ती बेरोजगारी: कारण, प्रभाव और समाधान-📝👨‍🎓💔🏙️❓💡🤝🇮🇳

Started by Atul Kaviraje, August 19, 2025, 12:00:07 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

बढ़ती बेरोजगारी: कारण, प्रभाव और समाधान-

बढ़ती बेरोजगारी पर हिंदी कविता 📝-

1. चरण:

कलम हाथ में, डिग्री लिए,
भटक रहा है एक युवा।
सपनों की है ये दौड़,
मिलता नहीं है कोई काम।

अर्थ: हाथ में कलम और डिग्री लिए एक युवा भटक रहा है। यह सपनों की दौड़ है, लेकिन उसे कोई काम नहीं मिल रहा है।

2. चरण:

घर में है उम्मीद,
माँ-बाप की है आँखें।
देख रही है राह,
कब आएंगे खुशियों के तारे।

अर्थ: घर में उम्मीद है और माँ-बाप की आँखें राह देख रही हैं। वे इंतजार कर रहे हैं कि कब खुशियों के तारे आएंगे।

3. चरण:

शहरों की गलियों में,
काम की है तलाश।
हर दरवाजा बंद है,
बढ़ रहा है हताश।

अर्थ: शहरों की गलियों में काम की तलाश है। हर दरवाजा बंद है और युवा हताश होता जा रहा है।

4. चरण:

शिक्षा है पूरी,
पर कौशल है अधूरा।
बाजार की माँग कुछ और,
यह है कैसा जाल पूरा।

अर्थ: शिक्षा तो पूरी है, लेकिन कौशल अधूरा है। बाजार की मांग कुछ और है और यह कैसा पूरा जाल है।

5. चरण:

सोच-सोच के थक गया,
मन में है निराशा।
कैसे दूर होगी ये गरीबी,
कैसे जगेगी ये आशा।

अर्थ: सोच-सोचकर थक गया है और मन में निराशा है। यह गरीबी कैसे दूर होगी और यह आशा कैसे जागेगी।

6. चरण:

समाधान अब ज़रूरी,
एक नई सुबह की आस।
शिक्षा में बदलाव हो,
ताकि हर हाथ को मिले काम।

अर्थ: अब समाधान जरूरी है, एक नई सुबह की उम्मीद है। शिक्षा में बदलाव हो, ताकि हर हाथ को काम मिले।

7. चरण:

नया भारत बन रहा है,
हर हाथ को मिले काम।
बेरोजगारी दूर हो,
हर घर में हो आराम।

अर्थ: नया भारत बन रहा है, जहाँ हर हाथ को काम मिले। बेरोजगारी दूर हो और हर घर में शांति हो।

इमोजी सारांश: 📝👨�🎓💔🏙�❓💡🤝🇮🇳

--अतुल परब
--दिनांक-18.08.2025-सोमवार.
===========================================