हम सच्ची क्वांटम कंप्यूटिंग कब प्राप्त करेंगे?-1- ⚛️💻🧊🛠️🔮📈🔐📚🚀🌌

Started by Atul Kaviraje, August 19, 2025, 06:12:09 PM

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Atul Kaviraje

"But when?"
But when will we achieve true quantum computing?

हम सच्ची क्वांटम कंप्यूटिंग कब प्राप्त करेंगे? ⚛️-

1. प्रस्तावना: क्या है क्वांटम कंप्यूटिंग?

क्वांटम कंप्यूटिंग (Quantum Computing) एक क्रांतिकारी तकनीक है जो पारंपरिक कंप्यूटरों से पूरी तरह अलग सिद्धांत पर काम करती है। जहाँ एक सामान्य कंप्यूटर बिट्स (bits) का उपयोग करता है, जो 0 या 1 की स्थिति में हो सकते हैं, वहीं क्वांटम कंप्यूटर क्यूबिट्स (qubits) का उपयोग करते हैं। क्यूबिट्स क्वांटम भौतिकी के दो सिद्धांतों - सुपरपोज़िशन (superposition) और एन्टेन्गलमेंट (entanglement) - का लाभ उठाते हैं, जिससे वे एक ही समय में कई अवस्थाओं में रह सकते हैं।  यह क्षमता उन्हें कुछ विशेष प्रकार की गणनाओं को अविश्वसनीय रूप से तेजी से करने की अनुमति देती है।

2. वर्तमान स्थिति: हम कहाँ खड़े हैं?

आज हम "नोइसी इंटरमीडिएट-स्केल क्वांटम (NISQ)" युग में हैं। इसका मतलब है कि हमारे पास कुछ क्यूबिट्स वाले क्वांटम कंप्यूटर हैं, लेकिन वे अभी भी बहुत शोरगुल वाले (noisy) हैं और उनमें त्रुटियाँ (errors) बहुत ज्यादा हैं।

प्रमुख खिलाड़ी: Google, IBM, Microsoft और कई स्टार्टअप्स इस क्षेत्र में तेजी से काम कर रहे हैं। IBM ने 2023 में 1,121 क्यूबिट्स वाला कंडोर नामक प्रोसेसर बनाया है।

उपलब्धियाँ: शोधकर्ता कुछ विशिष्ट समस्याओं को हल करने में क्वांटम कंप्यूटर का उपयोग कर रहे हैं, जिन्हें पारंपरिक कंप्यूटरों के लिए हल करना असंभव या बहुत धीमा है। उदाहरण के लिए, कुछ रासायनिक मॉडलिंग और क्रिप्टोग्राफी से संबंधित समस्याओं में।

3. "सच्ची क्वांटम कंप्यूटिंग" क्या है?

"सच्ची क्वांटम कंप्यूटिंग" (True Quantum Computing) का मतलब एक ऐसा क्वांटम कंप्यूटर है जो न केवल हजारों, बल्कि लाखों क्यूबिट्स के साथ काम कर सके और साथ ही त्रुटियों को भी सफलतापूर्वक ठीक कर सके। इसे त्रुटि-सुधारित क्वांटम कंप्यूटिंग (fault-tolerant quantum computing) के रूप में जाना जाता है। जब तक यह क्षमता हासिल नहीं होती, तब तक क्वांटम कंप्यूटर व्यापक और विश्वसनीय उपयोग के लिए तैयार नहीं होंगे।

4. क्वांटम कंप्यूटिंग की चुनौतियाँ:

सच्ची क्वांटम कंप्यूटिंग तक पहुँचने में कई बड़ी बाधाएँ हैं:

क्यूबिट्स का निर्माण और स्थिरता: क्यूबिट्स बहुत नाजुक होते हैं और बाहरी वातावरण (जैसे तापमान या कंपन) से आसानी से प्रभावित हो जाते हैं, जिससे वे अपनी क्वांटम अवस्था खो देते हैं।

डिकोहेरेंस (Decoherence): यह एक ऐसी प्रक्रिया है जहाँ क्यूबिट्स अपनी क्वांटम अवस्था खो देते हैं। इसे कम करने के लिए क्वांटम कंप्यूटरों को पूर्ण शून्य (absolute zero) के करीब तापमान पर रखा जाता है।

त्रुटि सुधार (Error Correction): क्वांटम कंप्यूटरों में त्रुटियाँ बहुत आम हैं। इन त्रुटियों को ठीक करने के लिए बहुत जटिल एल्गोरिदम और अतिरिक्त क्यूबिट्स की आवश्यकता होती है, जो एक बड़ी चुनौती है।

5. कब तक हम वहाँ पहुँचेंगे?

इस प्रश्न का कोई निश्चित उत्तर नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का अनुमान है:

अगले 5-10 साल (2030s): हम छोटे पैमाने पर त्रुटि-सुधारित क्वांटम कंप्यूटर देख सकते हैं जो कुछ विशिष्ट समस्याओं को हल कर पाएंगे।

अगले 15-20 साल (2040s): हम बड़े पैमाने पर, सामान्य-उद्देश्य वाले क्वांटम कंप्यूटर देख सकते हैं जो जटिल वैज्ञानिक समस्याओं को हल करने में सक्षम होंगे।

व्यापक उपलब्धता: व्यक्तिगत उपयोग या सामान्य व्यवसाय के लिए क्वांटम कंप्यूटर शायद 2050 या उसके बाद ही उपलब्ध होंगे।

इमोजी सारांश: ⚛️💻🧊🛠�🔮📈🔐📚🚀🌌

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-19.08.2025-मंगळवार.
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