जेम्स वेब टेलीस्कोप: पृथ्वी जैसे एक्सोप्लैनेट की खोज ✨-📝🔭🌎✨💧🧬🌌🚀

Started by Atul Kaviraje, August 19, 2025, 06:19:21 PM

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Atul Kaviraje

जेम्स वेब टेलीस्कोप: पृथ्वी जैसे एक्सोप्लैनेट की खोज ✨-

जेम्स वेब टेलीस्कोप पर हिंदी कविता 📝-

1. चरण:

अंतरिक्ष की नई आँख,
जेम्स वेब का है कमाल।
देख रहा है दूर-दूर तक,
ब्रह्मांड का हर हाल।

अर्थ: अंतरिक्ष की यह नई आँख, जेम्स वेब टेलीस्कोप का कमाल है। यह ब्रह्मांड के दूर-दूर के हिस्सों को देख रहा है।

2. चरण:

सितारों के पास,
ढूंढ रहा है वो एक घर।
जहां हो पानी की बूंद,
और जीवन का सफर।

अर्थ: यह सितारों के पास एक घर खोज रहा है, जहाँ पानी की बूंद हो और जीवन का सफर हो।

3. चरण:

ग्रहों के वायुमंडल को,
वो रहा है छान।
ऑक्सीजन और मीथेन को,
कर रहा है पहचान।

अर्थ: यह ग्रहों के वायुमंडल को छान रहा है, और उसमें ऑक्सीजन और मीथेन को पहचान रहा है।

4. चरण:

उम्मीद है ये दिल में,
मिलेगा एक ऐसा ग्रह।
जो हमारी धरती जैसा हो,
नया हो कोई अध्याय।

अर्थ: दिल में यह उम्मीद है कि एक ऐसा ग्रह मिलेगा जो हमारी धरती जैसा होगा, और एक नया अध्याय शुरू होगा।

5. चरण:

लाल बौने तारों की दुनिया,
जहां है आशा का उजाला।
छोटे ग्रहों की खोज,
यह है कैसा अलबेला।

अर्थ: लाल बौने तारों की दुनिया में आशा का उजाला है। यह छोटे ग्रहों की खोज कैसी निराली है।

6. चरण:

कब होगी ये खोज पूरी,
ये सवाल है सबका।
अगले कुछ सालों की बात,
क्या है ये सिर्फ सपना?

अर्थ: यह खोज कब पूरी होगी, यह सबका सवाल है। क्या यह अगले कुछ सालों की बात सिर्फ एक सपना है?

7. चरण:

यह नहीं है विज्ञान का अंत,
यह है एक नई शुरुआत।
ब्रह्मांड में हम अकेले नहीं,
शायद हो कोई हमारा साथ।

अर्थ: यह विज्ञान का अंत नहीं है, बल्कि यह एक नई शुरुआत है। ब्रह्मांड में हम अकेले नहीं हैं, शायद कोई हमारा साथी हो।

इमोजी सारांश: 📝🔭🌎✨💧🧬🌌🚀

--अतुल परब
--दिनांक-19.08.2025-मंगळवार.
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