1-बुध पूजन- २-प्रदोष-'बुध प्रदोष का अद्भुत संगम'-

Started by Atul Kaviraje, August 21, 2025, 11:26:12 AM

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Atul Kaviraje

1-बुध पूजन-

२-प्रदोष-

एक सुंदर हिंदी कविता-

'बुध प्रदोष का अद्भुत संगम'-

पद १:
आज बुधवार है, दिन पावन, बुध का हो सम्मान,
बुद्धि, वाणी और व्यापार में, मिले हमको वरदान।
हरा रंग है इसका प्रतीक, मन को करे ये शांत,
हर संकट से मुक्ति दे, जीवन को दे विश्रांत।
अर्थ: आज बुधवार का पवित्र दिन है, जब बुध ग्रह का सम्मान होता है। यह हमें बुद्धि, वाणी और व्यापार में वरदान देता है। हरा रंग इसका प्रतीक है, जो मन को शांत करता है और हर संकट से मुक्ति देकर जीवन को शांति देता है।

पद २:
साथ में आया प्रदोष व्रत, शिव का पावन काल,
त्रयोदशी की तिथि है, भक्त हों बेहाल।
बेलपत्र और धतूरे से, शिव का अभिषेक हो,
जीवन के सारे कष्ट, क्षण भर में दूर हों।
अर्थ: आज प्रदोष व्रत भी आया है, जो भगवान शिव का पवित्र समय है। त्रयोदशी की तिथि होने से भक्तजन भक्ति में लीन हैं। बेलपत्र और धतूरे से भगवान शिव का अभिषेक हो और जीवन के सारे कष्ट पल भर में दूर हो जाएं।

पद ३:
दो शुभ योगों का संगम, जीवन को करे उज्ज्वल,
बुध की कृपा से बुद्धि मिले, शिव से मिले शक्ति बल।
ये दिन है भक्ति का, ये दिन है ध्यान का,
ये दिन है सुख-शांति का, ये दिन है ज्ञान का।
अर्थ: इन दो शुभ योगों का संगम जीवन को प्रकाशित करता है। बुध की कृपा से बुद्धि और शिव की कृपा से शक्ति मिलती है। यह दिन भक्ति, ध्यान, सुख, शांति और ज्ञान का दिन है।

पद ४:
हरी मूंग का दान करो, गाय को खिलाओ घास,
शिवलिंग पर जल चढ़ाओ, मन में हो विश्वास।
ये छोटा सा कार्य है, पर फल बड़ा विशाल,
बुध और शिव की कृपा से, खुशहाल हो हर हाल।
अर्थ: हरी मूंग का दान करें और गाय को घास खिलाएं। शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और मन में विश्वास रखें। यह छोटा सा कार्य है, लेकिन इसका फल बहुत बड़ा है। बुध और शिव की कृपा से जीवन हर हाल में खुशहाल हो।

पद ५:
सुबह करो बुध की पूजा, शाम को शिव का ध्यान,
हर क्षण हो पूजा का, मन से हो जयगान।
जीवन की राहें आसान हों, हर बाधा जाए हट,
बुध और शिव की कृपा से, सब कुछ हो जाए सैट।
अर्थ: सुबह बुध की पूजा करें और शाम को शिव का ध्यान करें। हर पल पूजा का हो और मन में जयगान हो। जीवन की राहें आसान हों और हर बाधा दूर हो जाए। बुध और शिव की कृपा से सब कुछ ठीक हो जाए।

पद ६:
ज्ञान का दीपक जलाओ, अज्ञान को दूर भगाओ,
मन के अंधेरे को, प्रकाश से तुम मिटाओ।
शिव शम्भू के चरणों में, अपनी श्रद्धा झुकाओ,
जीवन की हर समस्या से, मुक्ति तुम पाओ।
अर्थ: ज्ञान का दीपक जलाएं और अज्ञान को दूर भगाएं। मन के अंधेरे को प्रकाश से मिटाएं। भगवान शिव के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित करें और जीवन की हर समस्या से मुक्ति पाएं।

पद ७:
यह दिन है अद्भुत, यह दिन है महान,
बुध और शिव का मिले, ऐसा ना कोई ज्ञान।
जो इस दिन करे पूजा, पाए मोक्ष का द्वार,
बुध प्रदोष का संगम, दे जीवन को सार।
अर्थ: यह दिन अद्भुत और महान है। बुध और शिव का ऐसा ज्ञान कहीं नहीं मिलता। जो इस दिन पूजा करता है, उसे मोक्ष का द्वार मिलता है। बुध प्रदोष का संगम जीवन को सार देता है।

--अतुल परब
--दिनांक-20.08.2025-बुधवार.
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