पर्युषण पर्वारंभ - पंचमी पक्ष (जैन) 🙏✨- गुरुवार, २१ अगस्त, २०२५-2-

Started by Atul Kaviraje, August 22, 2025, 11:16:42 AM

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Atul Kaviraje

पर्युषण पर्वारंभ- पंचमी पक्ष- जैन-

पर्युषण पर्वारंभ - पंचमी पक्ष (जैन) 🙏✨

६. पर्युषण और पर्यावरण 🌳🕊�
जैन धर्म अहिंसा पर आधारित है, और पर्युषण के दौरान इस सिद्धांत का विशेष पालन किया जाता है।

प्राणियों की रक्षा: जैन लोग इन दिनों में हरी सब्जियाँ और कंद-मूल (जमीन के नीचे उगने वाली सब्जियाँ) नहीं खाते, ताकि सूक्ष्म जीवों की रक्षा हो सके।

जल का संयम: कई लोग पानी को छानकर पीते हैं, ताकि पानी में रहने वाले जीवों को हानि न पहुँचे।

७. पर्व का सामाजिक संदेश 🤝
यह पर्व हमें सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से भी बहुत कुछ सिखाता है।

एकता: सभी जैन एक साथ मिलकर धार्मिक क्रियाओं में भाग लेते हैं, जिससे समाज में एकता बढ़ती है।

सद्भावना: क्षमा का भाव आपसी मतभेदों को मिटाता है और सद्भावना को बढ़ाता है।

८. निष्कर्ष 💖
पर्युषण पर्व आत्म-अनुशासन, त्याग और क्षमा का एक अनोखा संगम है। यह हमें सिखाता है कि जीवन में भौतिक सुखों से अधिक आध्यात्मिक शांति महत्वपूर्ण है। यह पर्व हमें अपने अंदर झाँकने, गलतियों को स्वीकार करने और एक बेहतर इंसान बनने का अवसर देता है। पर्युषण का पालन करके हम न केवल अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं, बल्कि एक अधिक शांतिपूर्ण और सद्भावपूर्ण समाज का निर्माण भी करते हैं।

इमोजी सारांश: 🙏 (भक्ति), 💎 (दसलक्षण धर्म), 🧘�♀️ (ध्यान), 📜 (धार्मिक ग्रंथ), 💖 (प्रेम), 🤝 (एकता), 🌱 (शाकाहार), ✨ (पवित्रता)

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-21.08.2025-गुरुवार.
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