अश्वत्थ मारुती पूजन: भक्ति, साहस और आशीर्वाद का संगम-

Started by Atul Kaviraje, August 24, 2025, 10:58:22 AM

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Atul Kaviraje

अश्वत्थ मारुती पूजन-

अश्वत्थ मारुती पूजन: भक्ति, साहस और आशीर्वाद का संगम-

हिंदी कविता: अश्वत्थ मारुती की महिमा-

चरण 1
शनिवार है आज, दिन है खास,
हनुमान जी का है निवास।
पीपल के नीचे है उनका धाम,
जप लो सब मिलकर राम-राम।
अर्थ: आज शनिवार का दिन बहुत खास है, क्योंकि हनुमान जी का वास पीपल के पेड़ के नीचे होता है। इसलिए मिलकर राम-राम का जाप करना चाहिए।

चरण 2
अश्वत्थ की महिमा है महान,
तीनों देवों का है ये स्थान।
हनुमान जी की भक्ति है अपार,
तार देते हैं वो हर भव पार।
अर्थ: पीपल के पेड़ की महिमा महान है, क्योंकि इसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का निवास है। हनुमान जी की भक्ति बहुत बड़ी है, और वे भक्तों को हर मुश्किल से पार लगाते हैं।

चरण 3
सिंदूर और चमेली का तेल,
भक्तों का उनसे है गहरा मेल।
गुड़ और चने का प्रसाद,
पूरा करते हैं वो हर मुराद।
अर्थ: भक्त हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाते हैं, और गुड़-चने का प्रसाद भी देते हैं, जिससे हनुमान जी उनकी हर इच्छा पूरी करते हैं।

चरण 4
साढ़े साती या हो ढैया,
पार लगाए अपनी नैया।
शनिदेव भी खुश होते हैं,
संकट सब दूर होते हैं।
अर्थ: हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं और शनि की साढ़े साती या ढैया के अशुभ प्रभाव भी दूर हो जाते हैं।

चरण 5
रोग-भय सब दूर हो जाएं,
जीवन में खुशियां आएं।
संकटमोचन नाम है उनका,
कोई ना अब डरता है।
अर्थ: हनुमान जी का नाम लेने से सभी रोग और भय दूर हो जाते हैं और जीवन में खुशियां आती हैं, क्योंकि वे संकटों को हरने वाले हैं।

चरण 6
एक पौधा तुम भी लगाओ,
प्रकृति का सम्मान बढ़ाओ।
पर्यावरण का ध्यान रखो,
धरती मां का मान रखो।
अर्थ: हमें प्रकृति का सम्मान करना चाहिए और एक पौधा लगाकर पर्यावरण का ध्यान रखना चाहिए।

चरण 7
जीवन का है ये गहरा सार,
सेवा ही है सबसे बड़ा द्वार।
पवनपुत्र की भक्ति करो,
हर दुख से अब मुक्त रहो।
अर्थ: इस पूजन का गहरा संदेश यह है कि सेवा ही जीवन का सबसे बड़ा सार है। हनुमान जी की भक्ति करने से सभी दुखों से मुक्ति मिलती है।

--अतुल परब
--दिनांक-23.08.2025-शनिवार.
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