गहिनीनाथ यात्रा: भक्ति, परंपरा और विश्वास का संगम-

Started by Atul Kaviraje, August 24, 2025, 10:59:34 AM

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Atul Kaviraje

गहिनीनाथ यात्रा-औरंगाबाद-

गहिनीनाथ यात्रा: भक्ति, परंपरा और विश्वास का संगम-

हिंदी कविता: गहिनीनाथ का जयघोष-

चरण 1
औरंगाबाद की पावन भूमि,
गहिनीनाथ की है ये भूमि।
आज लगे भक्तों की भीड़,
सारे कष्टों की होती है पीड़।
अर्थ: औरंगाबाद की पवित्र भूमि संत गहिनीनाथ की है, जहां आज भक्तों की भीड़ लगी है और उनके सारे कष्ट दूर हो रहे हैं।

चरण 2
पालकी सजी है फूलों से,
भक्तों का मन है खुशियों से।
जय-जय गुरु गहिनीनाथ,
कहते हैं भक्त हर साथ।
अर्थ: फूलों से सजी पालकी के साथ, भक्तों के मन में खुशी है, और वे सब मिलकर "जय-जय गुरु गहिनीनाथ" का जयघोष कर रहे हैं।

चरण 3
भजन और कीर्तन का स्वर,
गूंज रहा है हर शहर।
गुरु के नाम का है ये जादू,
मन को देता है सुकून और साधु।
अर्थ: भजन और कीर्तन की आवाज हर जगह गूंज रही है, और गुरु के नाम का यह जादू मन को शांति और साधुता देता है।

चरण 4
ना कोई ऊँचा ना कोई नीचा,
सबका मन भक्ति में खींचा।
एकता का है ये एक धागा,
जाति-भेद सब दूर भगा।
अर्थ: इस यात्रा में कोई भी ऊँचा या नीचा नहीं है, सभी भक्त भक्ति में लीन हैं, और यह यात्रा सामाजिक एकता का धागा है, जो जाति-भेद को दूर करता है।

चरण 5
ज्ञान का दीपक जलाया है,
अंधेरे को दूर भगाया है।
जीवन की हर राह पर,
गुरु का आशीर्वाद है हर पल।
अर्थ: संत गहिनीनाथ ने ज्ञान का दीपक जलाया है, जिसने अज्ञानता के अंधेरे को दूर भगा दिया है, और जीवन के हर रास्ते पर उनका आशीर्वाद है।

चरण 6
सेवा का भाव है मन में,
सब चलते हैं एक धुन में।
भूखे को भोजन खिलाते हैं,
प्यासे को पानी पिलाते हैं।
अर्थ: भक्तों के मन में सेवा का भाव है, और वे एक ही धुन में चलते हुए भूखे को भोजन और प्यासे को पानी पिलाते हैं।

चरण 7
जीवन का है ये गहरा सार,
गुरु का है ये सच्चा प्यार।
गहिनीनाथ का धाम चलो,
जीवन को तुम धन्य करो।
अर्थ: इस यात्रा का गहरा संदेश यह है कि गुरु का सच्चा प्यार ही जीवन का सार है, इसलिए गहिनीनाथ धाम की यात्रा करके अपने जीवन को धन्य बनाना चाहिए।

--अतुल परब
--दिनांक-23.08.2025-शनिवार.
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