महादेव यात्रा-बेवनूर, तालुका-जत: भक्ति, समर्पण और प्रकृति का आशीर्वाद-

Started by Atul Kaviraje, August 24, 2025, 11:00:42 AM

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Atul Kaviraje

महादेव यात्रा-बेवनूर, तालुका-जत-

महादेव यात्रा-बेवनूर, तालुका-जत: भक्ति, समर्पण और प्रकृति का आशीर्वाद-

हिंदी कविता: महादेव का बुलावा-

चरण 1
शनिवार की ये पावन घड़ी,
महादेव का बुलावा है पड़ी।
बेवनूर का वो पावन धाम,
लेता है हर भक्त का नाम।
अर्थ: यह शनिवार की पवित्र घड़ी है, जब महादेव का बुलावा आया है। बेवनूर का वह पवित्र धाम हर भक्त का नाम लेता है।

चरण 2
डमरू की गूँज है निराली,
पाऊँ-पाऊँ चले हैं हरियाली।
पग-पग में है बस एक ही धुन,
शिव-शंभु का करते हैं गुन।
अर्थ: डमरू की गूँज अनोखी है और भक्त हरियाली में चलते हैं। हर कदम पर एक ही धुन है, वे शिव-शंभु के गुण गाते हैं।

चरण 3
बेलपत्र और जल की धार,
करते हैं मन को पवित्र अपार।
भोलेनाथ के दर्शन से,
जीवन में आती है बहार।
अर्थ: बेलपत्र और जल की धार मन को बहुत पवित्र करती है। भोलेनाथ के दर्शन से जीवन में खुशियाँ आती हैं।

चरण 4
साढ़े साती या हो ढैया,
डूबती है जब मन की नैया।
महादेव की कृपा से,
होती है हर पीड़ा दूर।
अर्थ: जब शनि की साढ़े साती या ढैया से मन की नाव डूबने लगती है, तो महादेव की कृपा से हर पीड़ा दूर हो जाती है।

चरण 5
नदी किनारे है ये धाम,
गाते हैं सब शिव का नाम।
प्रकृति भी है साथ-साथ,
देती है भक्तों को आशीर्वाद।
अर्थ: यह पवित्र धाम नदी के किनारे है और सभी लोग शिव का नाम गाते हैं। प्रकृति भी भक्तों को आशीर्वाद देती हुई साथ चलती है।

चरण 6
श्रावण की है ये अमावस्या,
मिटाए मन की हर समस्या।
पितरों को भी शांति मिले,
जीवन में खुशियों के फूल खिले।
अर्थ: यह श्रावण की अमावस्या है, जो मन की हर समस्या को मिटाती है। इससे पितरों को भी शांति मिलती है और जीवन में खुशियों के फूल खिलते हैं।

चरण 7
जीवन का है ये गहरा सार,
शिव हैं सबके पालनहार।
बेवनूर के धाम चलो,
जीवन को तुम धन्य करो।
अर्थ: जीवन का गहरा सार यह है कि शिव ही सबका पालन-पोषण करने वाले हैं। बेवनूर के धाम जाकर अपने जीवन को धन्य करना चाहिए।

--अतुल परब
--दिनांक-23.08.2025-शनिवार.
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