शहादत-ए-इमाम हसन (अ.स.): त्याग, धैर्य और शांति का संदेश-

Started by Atul Kaviraje, August 24, 2025, 11:01:15 AM

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Atul Kaviraje

शहादत- ई- इमाम- हसन-

शहादत-ए-इमाम हसन (अ.स.): त्याग, धैर्य और शांति का संदेश-

हिंदी कविता: हसन की शहादत-

चरण 1
मुरझा गया है गुलिस्तान,
आज शहीद हुए इमाम हसन।
पैगंबर के दिल का चैन,
जाया हुआ है हर एक सैन।
अर्थ: आज इमाम हसन की शहादत से बगीचा मुरझा गया है। वे पैगंबर के दिल का सुकून थे, और उनका हर एक क्षण बहुत कीमती था।

चरण 2
दया, सबर का था वो रूप,
दुश्मन के आगे न झुका वो।
सुलह का राह दिखाया है,
खुद को गम में पाया है।
अर्थ: वे दया और धैर्य का स्वरूप थे, जो दुश्मनों के आगे कभी नहीं झुके। उन्होंने शांति का मार्ग दिखाया, भले ही उन्हें खुद को दुख में डालना पड़ा।

चरण 3
जन्नत के थे वो शहजादे,
पूरे किए थे हर वादे।
सबको दिया था अमन,
खुद सहा है ज़हर का दमन।
अर्थ: वे जन्नत के शहजादे थे जिन्होंने हर वादा पूरा किया। उन्होंने सबको अमन दिया, जबकि खुद ज़हर की पीड़ा सही।

चरण 4
आज मजलिस है हर घर में,
आँसू है हर एक चश्म में।
मातम की है ये सदा,
इमाम पर है ये फिदा।
अर्थ: आज हर घर में शोक सभा है और हर आँख में आँसू हैं। मातम की यह आवाज़ इमाम के लिए प्रेम दर्शाती है।

चरण 5
गरीबों का था वो सहारा,
हर दर्द को था वो उतारा।
सेवा ही थी उनकी पहचान,
आज गम में है हर एक जान।
अर्थ: वे गरीबों का सहारा थे और हर दर्द को कम करते थे। उनकी पहचान सेवा थी, और आज हर कोई उनके गम में है।

चरण 6
भाई हुसैन की आँखें नम,
जहाँ में फैल गया है गम।
अहल-ए-बैत पर है ये क़हर,
ज़ालिमों ने दिया था ज़हर।
अर्थ: उनके भाई इमाम हुसैन की आँखें नम हैं, और पूरे जहाँ में गम फैल गया है। अहल-ए-बैत पर यह एक कहर था, जब ज़ालिमों ने उन्हें ज़हर दिया।

चरण 7
सबर का था वो पैगाम,
त्याग का था वो अंजाम।
इमाम हसन की ये शहादत,
दुनिया को देती है इबादत।
अर्थ: उनका जीवन धैर्य का संदेश था और उनकी शहादत त्याग का परिणाम। इमाम हसन की यह शहादत दुनिया को सही इबादत सिखाती है।

--अतुल परब
--दिनांक-23.08.2025-शनिवार.
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