नक्तव्रत समाप्ती: श्रावण अमावस्या का पावन समापन-

Started by Atul Kaviraje, August 24, 2025, 11:01:49 AM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

नक्तव्रत समाप्ती-

नक्तव्रत समाप्ती: श्रावण अमावस्या का पावन समापन-

हिंदी कविता: नक्तव्रत की समाप्ती-

चरण 1
चाँद की पहली किरण दिखी,
नक्तव्रत की समाप्ती लिखी।
मन में था बस एक ही भाव,
ईश्वर के चरणों में ही है लगाव।
अर्थ: जैसे ही चाँद की पहली किरण दिखी, नक्तव्रत का समापन हुआ। मन में केवल एक ही भावना थी, कि ईश्वर के चरणों में ही सच्चा लगाव है।

चरण 2
दिनभर किया है उपवास,
प्रभु से थी बस एक ही आस।
शक्ति दी तुमने हे भगवान,
रखा है मेरा मान-सम्मान।
अर्थ: दिनभर उपवास किया, और भगवान से बस एक ही आशा थी। हे भगवान, आपने मुझे शक्ति दी और मेरा मान-सम्मान बनाए रखा।

चरण 3
श्रावण अमावस्या है आज,
सुंदर प्रकृति ने पहना ताज।
हरियाली है हर एक ओर,
खुशियाँ लाई है हर भोर।
अर्थ: आज श्रावण अमावस्या है, और सुंदर प्रकृति ने ताज पहना है। हर तरफ हरियाली छाई है, और हर सुबह खुशी लाई है।

चरण 4
पूजा की थाली सजी है आज,
भोलेनाथ के सिर पर ताज।
बेलपत्र और जल की धार,
करते हैं मन को पवित्र अपार।
अर्थ: आज पूजा की थाली सजी हुई है, और भोलेनाथ के सिर पर ताज है। बेलपत्र और जल की धार मन को बहुत पवित्र करती है।

चरण 5
व्रत का उद्यापन है ये,
भक्तों का समर्पण है ये।
भोजन शुद्ध और सात्विक है,
जीवन में बस यही एक पथ है।
अर्थ: यह व्रत का उद्यापन है, जो भक्तों का समर्पण है। भोजन शुद्ध और सात्विक है, और जीवन में यही एक सही मार्ग है।

चरण 6
शनिवार का है ये शुभ योग,
दूर होंगे सब शनि के रोग।
महादेव की कृपा है अपार,
शनिदेव भी होंगे पार।
अर्थ: यह शनिवार का शुभ संयोग है, जिससे शनि से संबंधित सभी रोग दूर होंगे। महादेव की कृपा बहुत है, और शनिदेव भी इससे प्रसन्न होंगे।

चरण 7
मन में है अब बस शांति,
दूर हुई है सब अशांति।
नक्तव्रत ने दिया है ज्ञान,
ईश्वर में ही है कल्याण।
अर्थ: अब मन में केवल शांति है, और सारी अशांति दूर हो गई है। नक्तव्रत ने यह ज्ञान दिया है कि ईश्वर में ही सच्चा कल्याण है।

--अतुल परब
--दिनांक-23.08.2025-शनिवार.
===========================================