श्रावण अमावस्या: भक्ति और प्रकृति का संगम- अगस्त 23, शनिवार-🙏🕉️🌳🌧️🌿🌳, 🌱,

Started by Atul Kaviraje, August 24, 2025, 11:13:16 AM

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Atul Kaviraje

श्रावण अमावस्या-

श्रावण अमावस्या: भक्ति और प्रकृति का संगम-

अगस्त 23, शनिवार

श्रावण मास की अमावस्या, जिसे श्रावण अमावस्या या हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है, भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता में एक विशेष स्थान रखती है। यह दिन भक्ति और प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। शनिवार, 23 अगस्त को पड़ने वाली यह अमावस्या और भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। आइए, इस पावन दिवस के महत्व को विस्तार से समझें।

1. श्रावण अमावस्या का आध्यात्मिक महत्व
पितृ तर्पण: यह अमावस्या पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने और उनके मोक्ष के लिए तर्पण करने के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। लोग इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और अपने पूर्वजों को याद करते हैं।

शिव-शक्ति की आराधना: श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित है, और अमावस्या को शिव और शक्ति दोनों की एक साथ पूजा करने का महत्व है। माना जाता है कि इस दिन शिव-पार्वती की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति आती है।

हरियाली और प्रकृति: यह दिन हरियाली का प्रतीक है। इस समय मानसून अपनी चरम पर होता है, और चारों ओर हरियाली छाई रहती है, जो जीवन और समृद्धि का संदेश देती है।

2. हरियाली अमावस्या का नामकरण
हरियाली: इस अमावस्या को हरियाली अमावस्या इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह श्रावण मास के मध्य में आती है, जब प्रकृति हरी-भरी होती है। पेड़-पौधे नए जीवन से भर जाते हैं।

प्रकृति से जुड़ाव: यह नाम प्रकृति के साथ हमारे गहरे संबंध को दर्शाता है और हमें पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है।

3. पूजा-विधि और अनुष्ठान
स्नान: सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी या घर पर ही गंगाजल मिलाकर स्नान करें।

पूजा: भगवान शिव, माता पार्वती और शनिदेव की पूजा करें। शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और फूल चढ़ाएं।

पौधारोोपण: इस दिन पौधे लगाना बहुत शुभ माना जाता है। तुलसी, पीपल, बरगद, नीम जैसे पौधे लगाने से पुण्य मिलता है।

शनिदेव की पूजा: शनिवार होने के कारण इस दिन शनिदेव की विशेष पूजा करें। सरसों का तेल, काले तिल और उड़द की दाल चढ़ाएं।

4. व्रत और उपवास का महत्व
फलाहार: कई भक्त इस दिन निर्जला या फलाहार व्रत रखते हैं।

आत्म-शुद्धि: व्रत रखने से मन और शरीर की शुद्धि होती है। यह भगवान के प्रति समर्पण का प्रतीक है।

5. धार्मिक कथाएं और मान्यताएं
हरियाली अमावस्या और शिव: पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्रावण मास में भगवान शिव सृष्टि के पालनकर्ता के रूप में प्रकट होते हैं, और हरियाली अमावस्या उनकी कृपा का प्रतीक है।

शनिदेव और शनिचरी अमावस्या: जब अमावस्या शनिवार को पड़ती है, तो इसे शनिचरी अमावस्या कहते हैं, जो शनिदेव की पूजा के लिए अत्यंत फलदायी होती है।

6. सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
त्योहार: यह दिन कई जगहों पर एक छोटे त्योहार के रूप में मनाया जाता है।

मिलन: परिवार और समुदाय के लोग एक साथ आते हैं और प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेते हैं।

7. हरियाली अमावस्या के दिन क्या करें
पूजा-पाठ: भगवान शिव और शनिदेव की पूजा करें।

दान: गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और पैसे दान करें।

पौधे लगाएं: एक या अधिक पौधे लगाकर प्रकृति का सम्मान करें।

ध्यान और योग: मन की शांति के लिए ध्यान और योग करें।

8. हरियाली अमावस्या के दिन क्या न करें
अशुभ कार्य: कोई भी नया या अशुभ कार्य शुरू करने से बचें।

क्रोध: मन में नकारात्मकता या क्रोध न लाएं।

पेड़ काटना: पेड़ों को काटने या प्रकृति को नुकसान पहुंचाने से बचें।

9. इस दिन का संदेश
प्रकृति का सम्मान: यह दिन हमें प्रकृति का सम्मान करने और उसके साथ सामंजस्य स्थापित करने का संदेश देता है।

कृतज्ञता: हमें उन सभी चीजों के लिए आभारी होना चाहिए जो प्रकृति हमें देती है।

भक्ति: यह दिन हमें अपनी भक्ति को और गहरा करने के लिए प्रेरित करता है।

10. चित्र, प्रतीक और इमोजी
चित्र और प्रतीक: 🌳, 🌱, 🙏, 🕉�, 🌙, 💧

अर्थ: ये प्रतीक वृक्ष, पौधा, प्रार्थना, ओम, अमावस्या का चांद और जल को दर्शाते हैं, जो इस दिन के महत्व को बताते हैं।

इमोजी सारांश
श्रावण अमावस्या: 🙏🕉�🌳🌧�🌿

🙏 (हाथ जोड़ना): भक्ति और प्रार्थना का प्रतीक।

🕉� (ओम): आध्यात्मिकता और शांति का प्रतीक।

🌳 (पेड़): प्रकृति और हरियाली का प्रतीक।

🌧� (वर्षा): श्रावण मास और मानसून का प्रतीक।

🌿 (पत्ती): नए जीवन और हरियाली का प्रतीक।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-23.08.2025-शनिवार.
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