साम श्रावणी-🎂 श्याम श्रावणी की कविता 🎂-🙏🌿💖🎶🎉✨🎁👑🕉️

Started by Atul Kaviraje, August 27, 2025, 11:19:48 AM

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Atul Kaviraje

साम श्रावणी-

श्याम श्रावणी: -

🎂 श्याम श्रावणी की कविता 🎂-

१. श्याम श्रावणी का दिन आया,
प्रकृति में हरा सौंदर्य भर आया,
भगवान शिव और कृष्ण का त्योहार,
हर घर में खुशियाँ लाया।

२. मंदिर में घंटे बजे,
पूजा और आरती की धुन आई,
शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ा,
कृष्ण को माखन-मिश्री चढ़ाई।

३. झूला झूले हरी डाली पर,
बच्चों की हँसी दूर तक सुनाई दे,
महिलाएँ गाती हैं गाने,
श्रावण माह का आनंद लेती हैं।

४. यह त्योहार याद दिलाता है,
जीवन के छोटे-छोटे सुखों की,
प्रकृति और ईश्वर की भक्ति की,
अपनी परंपरा और संस्कृति की।

५. प्रसाद और मीठा बनाया,
घर-घर में खुशियों का माहौल फैला,
हर रिश्ते को प्यार दिया,
सबको एक साथ लाया।

६. यह कविता एक संदेश देती है,
प्रेम और भक्ति का महत्व सिखाती है,
अपनी संस्कृति की जड़ें बचाएँ,
जीवन को आनंद और शांति से भरें।

७. श्याम श्रावणी का यह पर्व,
हर पल खुशियाँ बाँटता है,
हम सब साथ रहें,
अपना जीवन सुंदर बनाएँ।
अर्थ:
१. श्याम श्रावणी का दिन आ गया है, प्रकृति हरी-भरी हो गई है। यह भगवान शिव और कृष्ण का त्योहार है, जो हर घर में खुशियाँ लेकर आया है।
२. मंदिर में घंटे बजते हैं, पूजा और आरती की धुन सुनाई देती है। शिवलिंग पर बेलपत्र और कृष्ण को माखन-मिश्री चढ़ाई जाती है।
३. हरी टहनी पर झूले लगे हैं, बच्चों की हँसी दूर तक सुनाई देती है। महिलाएँ गाने गाती हैं और श्रावण माह का आनंद लेती हैं।
४. यह त्योहार हमें जीवन के छोटे-छोटे सुखों की, प्रकृति और ईश्वर की भक्ति की, और अपनी परंपरा और संस्कृति की याद दिलाता है।
५. प्रसाद और मिठाई बनाई गई है, जिससे हर घर में खुशी का माहौल है। इस त्योहार ने हर रिश्ते को प्यार दिया है और सबको एक साथ लाया है।
६. यह कविता एक संदेश देती है, जो प्रेम और भक्ति का महत्व सिखाता है। अपनी संस्कृति की जड़ों को बचाएँ और अपना जीवन आनंद और शांति से भरें।
७. श्याम श्रावणी के इस पर्व से हर पल खुशी महसूस होती है। हम सब एक साथ रहें और अपना जीवन सुंदर बनाएँ।

इमोजी सारांश
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--अतुल परब
--दिनांक-26.08.2025-मंगळवार..
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