🎂 राष्ट्रीय पश्चाताप दिवस पर कविता 🎂-🙏💔🕊️✨💧⛪️📖

Started by Atul Kaviraje, August 27, 2025, 11:21:49 AM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

पश्चाताप का राष्ट्रीय दिवस-धार्मिक-ईसाई, अंतर्राष्ट्रीय-

🎂 राष्ट्रीय पश्चाताप दिवस पर कविता 🎂-

१. पश्चाताप का दिन आया है,
मन का मैल धो डाला है,
गलतियों को स्वीकार कर,
ईश्वर से क्षमा माँगी है।

२. दिल में गहरा दुख भरा है,
जो पाप हमने किया है,
विनम्रता से सर झुकाया है,
ईश्वर के आगे रोया है।

३. यह दिन हमें सिखाता है,
गलतियों को भूला नहीं जाता है,
बल्कि उनसे सबक लेकर,
आगे बढ़ना सिखाता है।

४. बाइबिल का संदेश है यह,
ईश्वर की दया का वादा है,
जो सच्चे दिल से माफी माँगे,
उसे क्षमा मिल ही जाती है।

५. हर दिल में एक उम्मीद जगे,
पापों का बोझ अब हल्का लगे,
ईश्वर के करीब जाएँ,
जीवन को नया रूप दें।

६. यह दिन सिर्फ अकेले का नहीं,
यह समाज का, राष्ट्र का है,
सामूहिक पापों का पश्चाताप,
एक बेहतर समाज का है।

७. चलो, सब मिलकर पश्चाताप करें,
मन को शांत और पवित्र करें,
ईश्वर की कृपा से जीवन जिएँ,
प्रेम और शांति का संदेश दें।
अर्थ:
१. पश्चाताप का दिन आ गया है, जिसने मन का मैल धो दिया है। हमने अपनी गलतियों को स्वीकार किया है और ईश्वर से क्षमा माँगी है।
२. जो पाप हमने किए हैं, उनका दिल में गहरा दुख है। हमने विनम्रता से सर झुकाया है और ईश्वर के सामने रोया है।
३. यह दिन हमें सिखाता है कि हम अपनी गलतियों को भूलें नहीं, बल्कि उनसे सबक लें और आगे बढ़ें।
४. यह बाइबिल का संदेश है कि ईश्वर दयालु है और जो सच्चे दिल से माफी मांगता है, उसे क्षमा मिल जाती है।
५. हर दिल में एक उम्मीद जगती है कि अब पापों का बोझ हल्का हो गया है। हम ईश्वर के करीब जाते हैं और अपने जीवन को नया रूप देते हैं।
६. यह दिन सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र का है। सामूहिक पापों के पश्चाताप से एक बेहतर समाज का निर्माण होता है।
७. चलो, हम सब मिलकर पश्चाताप करें, अपने मन को शांत और पवित्र करें। हम ईश्वर की कृपा से जीवन जिएँ और प्रेम और शांति का संदेश दें।

इमोजी सारांश
🙏💔🕊�✨💧⛪️📖

--अतुल परब
--दिनांक-26.08.2025-मंगळवार..
===========================================