हिंदी कविता: 'ब्रह्मांड का गीत'-✨🔭🪐🌌☄️🌍🚀

Started by Atul Kaviraje, August 27, 2025, 09:01:19 PM

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Atul Kaviraje

खगोल विज्ञान (Astronomy): ब्रह्मांड, ग्रह, तारे और खगोलीय पिंडों का अध्ययन-

हिंदी कविता: 'ब्रह्मांड का गीत'-

1. पहला चरण अनंत आकाश में, तारों का सागर,
चमके हर रात, जैसे मोतियों का नगर।
पृथ्वी है घर अपना, और सूरज है दीपक,
फैला है अंतरिक्ष, एक बड़ा ही नाटक।

अर्थ: यह चरण बताता है कि विशाल आकाश में तारों का एक सागर है जो मोतियों के शहर जैसा दिखता है। हमारी पृथ्वी हमारा घर है और सूरज एक दीपक की तरह रोशनी देता है। यह पूरा अंतरिक्ष एक विशाल नाटक जैसा है। 🌍✨

2. दूसरा चरण चमकता है चंद्रमा, चाँदनी बिखेरे,
बृहस्पति है राजा, शनि के हैं घेरे।
ग्रहों की यह दुनिया, घूमती है गोल-गोल,
समय का हर पल, जैसे कोई अनमोल बोल।

अर्थ: इस चरण में चंद्रमा की चांदनी का वर्णन है। ग्रहों में बृहस्पति राजा की तरह है और शनि के चारों ओर सुंदर छल्ले हैं। सभी ग्रह गोल-गोल घूमते हैं, और समय का हर पल अनमोल लगता है। 🌕🪐

3. तीसरा चरण
धूमकेतु जब आए, लंबी है पूंछ उसकी,
वैज्ञानिक करते, हर रहस्य की जाँच उसकी।
ब्लैक होल है गहरा, सब कुछ समा जाए,
प्रकाश भी वहाँ से, कभी न बच पाए।

अर्थ: यह चरण धूमकेतु का वर्णन करता है जिसकी एक लंबी पूंछ होती है। वैज्ञानिक इनके रहस्य को समझने की कोशिश करते हैं। इसमें गहरे ब्लैक होल का भी जिक्र है, जहाँ से प्रकाश भी नहीं बच पाता। ☄️⚫️

4. चौथा चरण
दूरबीन से देखा, आकाश का हर कोना,
कितना ही बड़ा है, यह ब्रह्मांड का होना।
अनगिनत तारे हैं, अनगिनत आकाशगंगाएँ,
कितने ही जीवन हैं, और कितनी संभावनाएँ।

अर्थ: इस चरण में दूरबीन के उपयोग से आकाश को देखने का वर्णन है। यह बताता है कि ब्रह्मांड कितना विशाल है, जिसमें अनगिनत तारे और आकाशगंगाएँ हैं, और शायद कई तरह के जीवन की संभावनाएँ भी हैं। 🔭🌌

5. पाँचवाँ चरण
ग्रहों की यह चाल, जैसे कोई नृत्य हो,
गुरुत्वाकर्षण का, एक बड़ा ही कृत्य हो।
हर तारा सुनाए, अपनी ही कहानी,
विज्ञान की भाषा में, सब है पुरानी।

अर्थ: यह चरण बताता है कि ग्रहों की गति एक नृत्य जैसी है, जो गुरुत्वाकर्षण के कारण होती है। हर तारा अपनी कहानी कहता है, और ये सारी बातें विज्ञान की भाषा में बहुत पुरानी हैं। 🪐💫

6. छठा चरण
पृथ्वी पर जीवन, एक अद्भुत वरदान,
जल, वायु, जंगल, और हर एक इंसान।
खगोल विज्ञान हमको, यह बात सिखाए,
ब्रह्मांड में हम सब, कितने छोटे दिखें।

अर्थ: यह चरण पृथ्वी पर जीवन को एक अद्भुत वरदान कहता है। यह खगोल विज्ञान के माध्यम से यह सिखाता है कि इस विशाल ब्रह्मांड में हम सब कितने छोटे हैं। 🌍🌱

7. सातवाँ चरण
चलो खोजें और भी, इस विशाल दुनिया को,
क्या पता कहीं और, मिल जाए कोई नया जीव।
अंतरिक्ष के सपने, हम सब ही बुनें,
नए नए ग्रहों को, हम सब ही चुमें।

अर्थ: इस अंतिम चरण में ब्रह्मांड की और खोज करने की बात कही गई है। यह एक आशा है कि शायद कहीं और जीवन मिल सकता है। यह अंतरिक्ष के सपने बुनने और नए ग्रहों की खोज करने का आह्वान करता है। 🚀👽

संक्षेप में: ✨🔭🪐🌌☄️🌍🚀

कविता: ब्रह्मांड की यात्रा।

ब्रह्मांड: तारों, ग्रहों का घर।

खोज: अनन्त रहस्य।

जीवन: अद्भुत वरदान।

--अतुल परब
--दिनांक-27.08.2025-बुधवार.
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