कार्तिकेय दर्शन पाप नाशक दिन- हिंदी कविता - 'पाप नाशक'-

Started by Atul Kaviraje, August 30, 2025, 02:03:40 PM

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Atul Kaviraje

कार्तिकेय दर्शन पाप नाशक दिन-

हिंदी कविता - 'पाप नाशक'-

1. पहला चरण
पावन है दिन, आज का प्रभात,
मंदिर में भक्तों की है कतार।
दर्शन को आतुर, है हर एक गात,
पाप नाशक हैं, स्कंद के अवतार।

अर्थ: यह पद आज के पावन दिन का वर्णन करता है, जब भक्त भगवान कार्तिकेय के दर्शन के लिए मंदिर में कतार लगाए खड़े हैं।

2. दूसरा चरण
शिव-पार्वती के पुत्र हैं महान,
ज्ञान और शक्ति का है ये ज्ञान।
तारकासुर का किया वध, है ये पहचान,
देवों के सेनापति का है ये सम्मान।

अर्थ: इस पद में भगवान कार्तिकेय की महिमा का वर्णन है, जो शिव-पार्वती के पुत्र हैं और जिन्होंने तारकासुर का वध किया था।

3. तीसरा चरण
मयूर की सवारी, भाला है हाथ में,
विजय का प्रतीक, है हर एक साथ में।
शांति और शक्ति का, है एक गाथा,
भक्ति में लीन है, हर एक का माथा।

अर्थ: यह पद उनके वाहन मोर और शस्त्र भाले का वर्णन करता है, जो विजय के प्रतीक हैं और यह भी बताता है कि वे शांति और शक्ति का प्रतीक हैं।

4. चौथा चरण
तमिलनाडु में, मुरुगन कहलाते,
भक्तों के मन में, प्रेम जगाते।
कावड़ी लेकर, दूर से आते,
अपने कष्टों को, वे भूल जाते।

अर्थ: यह पद दक्षिण भारत में उनकी लोकप्रियता और भक्तों की श्रद्धा का वर्णन करता है, जो कावड़ी लेकर उनके दर्शन के लिए आते हैं।

5. पांचवां चरण
छह मुखों से, ज्ञान का प्रकाश,
हर मन से मिटाते, निराशा और त्रास।
संतान सुख देते, करें हर एक आस,
दूरी मिटाते, भरते विश्वास।

अर्थ: इस पद में उनके छह मुखों के महत्व और उनके द्वारा भक्तों को दिए जाने वाले आशीर्वाद का वर्णन है।

6. छठा चरण
रोग और दुख, सब मिट जाते,
जब उनके चरणों में, मन झुक जाते।
सच्चे मन से जो, दर्शन पाते,
पापों का नाश हो, मुक्ति पाते।

अर्थ: यह पद बताता है कि भगवान कार्तिकेय के दर्शन से सभी रोग और दुख दूर होते हैं, और भक्तों को पापों से मुक्ति मिलती है।

7. सातवां चरण
जीवन में फैले, सुख की बहार,
आत्मा हो जाए, शुद्ध और पार।
कार्तिकेय के दर्शन का, है उपकार,
हर दिल में जागे, भक्ति का सार।

अर्थ: यह पद बताता है कि भगवान कार्तिकेय के दर्शन से जीवन में सुख और शांति आती है और यह भक्तों के लिए एक महान उपकार है।

--अतुल परब
--दिनांक-29.08.2025-शुक्रवार.
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