सूर्य षष्ठी (छठ पूजा)-29 अगस्त, 2025, शुक्रवार-2-🌅🙏🍲🎶✨☀️🌍

Started by Atul Kaviraje, August 30, 2025, 02:14:03 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

सूर्य षष्ठी-

सूर्य षष्ठी (छठ पूजा) पर एक विस्तृत और भक्तिपूर्ण लेख-

6. लोकगीतों की परंपरा
छठ पूजा के दौरान गाए जाने वाले लोकगीत इस पर्व की आत्मा हैं। ये गीत छठ मैया और सूर्य देव की महिमा का वर्णन करते हैं और भक्तिमय वातावरण बनाते हैं। 🎶

भावपूर्ण गीत: "केलवा के पात पर उगेलन सुरुज देव", "मारबो रे सुगवा धनुष से" जैसे गीत आज भी घरों और घाटों पर गूंजते हैं।

7. अर्घ्य देने की विधि
अर्घ्य देना छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।

दूध और जल का अर्घ्य: दूध और जल को मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है।

अर्घ्य का पात्र: इसके लिए एक विशेष प्रकार के तांबे के बर्तन का उपयोग किया जाता है।

8. महिलाओं की भूमिका
इस पर्व में महिलाओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। वे ही व्रत रखती हैं और कठिन तपस्या करती हैं।

पारिवारिक कल्याण: महिलाएं अपने परिवार के सुख, समृद्धि और संतान की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती हैं। 🙏

तप और समर्पण: इस व्रत की कठोरता महिलाओं के अटूट तप और समर्पण को दर्शाती है।

9. छठ पूजा का आधुनिक स्वरूप
आजकल छठ पूजा देश-विदेश में भी मनाई जाने लगी है। बड़े शहरों में कृत्रिम तालाब बनाकर लोग यह पर्व मनाते हैं, जिससे इसकी लोकप्रियता और भी बढ़ी है।

वैश्विक पहचान: छठ पूजा को अब एक वैश्विक पर्व के रूप में पहचान मिल रही है। 🌍

10. भक्ति और प्रकृति का अनुपम संगम
अंत में, छठ पूजा भक्ति, आस्था, त्याग और प्रकृति प्रेम का एक अनुपम उदाहरण है। यह हमें सिखाता है कि हमें प्रकृति का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि वही हमारे जीवन का आधार है। यह पर्व हमें अपने जड़ों से जोड़े रखता है और हमारी सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखता है। ✨

ईमोजी सारांश: 🌅🙏🍲🎶✨☀️🌍

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-29.08.2025-शुक्रवार.
===========================================