हिंदी कविता: 'सूर्य और पूर्वा फाल्गुनी का संगम'-

Started by Atul Kaviraje, August 31, 2025, 11:09:00 AM

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Atul Kaviraje

सूर्य का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश, वाहन - भैंस"-

हिंदी कविता: 'सूर्य और पूर्वा फाल्गुनी का संगम'-

(१)
आया आज सूर्य, नए नक्षत्र में,
पूर्वा फाल्गुनी के पावन सत्र में।
झूला झूल रहा, जीवन का सार,
सुख-दुःख का संगम, यह संसार।
अर्थ: सूर्य ने पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश किया है, जो जीवन के सुख-दुख के झूले को दर्शाता है।

(२)
शुक्र का वास है, प्रेम का प्रतीक,
भग देवता की कृपा, सबसे सटीक।
जीवन में आए, खुशियों की बहार,
दूर हो हर चिंता, हर अँधकार।
अर्थ: शुक्र और भग देवता की कृपा से जीवन में प्रेम और खुशियाँ आती हैं और सभी चिंताएँ दूर होती हैं।

(३)
भैंस है वाहन, शक्ति का प्रतीक,
दृढ़ता से आगे बढ़ें, होकर निर्भीक।
चुनौतियों का करें, हम सामना,
हर मुश्किल को पार करें, यही है कामना।
अर्थ: भैंस की तरह दृढ़ता और शक्ति के साथ हम हर चुनौती का सामना कर सकते हैं।

(४)
सूर्य की ऊर्जा, मिले हमें आज,
ज्योतिर्मय हो जीवन, सजे हर काज।
आत्मा को मिले, नया बल और ज्ञान,
जीवन में हो भक्ति, मिले सच्चा सम्मान।
अर्थ: सूर्य की ऊर्जा से हमें शक्ति और ज्ञान मिले, जिससे हमारा जीवन और भी बेहतर हो।

(५)
रिश्तों में आए, मीठास और प्यार,
दिल से जुड़ें, हर रिश्ते की तार।
प्रेम से जीवन, खुशहाल हो जाए,
हर घर में सुख, शांति छा जाए।
अर्थ: यह समय रिश्तों में प्रेम और सद्भाव लाता है, जिससे जीवन खुशहाल बनता है।

(६)
सेवा और दान का, हो यह समय,
दूसरों की मदद करें, यही है विनय।
सूर्य देव और भग देवता की हो कृपा,
जीवन हो सुंदर, मिले सच्ची शफा।
अर्थ: इस समय में सेवा और दान करने से जीवन में सुख और शांति मिलती है।

(७)
यह गोचर लाए, जीवन में प्रकाश,
नई आशाएँ, नया विश्वास।
आत्मा को मिले, शांति और सुख,
हर पल में खिलता रहे, हमारा मुख।
अर्थ: यह गोचर जीवन में नई उम्मीदें और शांति लेकर आता है, जिससे हमेशा खुशी बनी रहती है।

--अतुल परब
--दिनांक-30.08.2025-शनिवार.
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