भागवत सप्ताह: भक्ति, ज्ञान और मोक्ष का महापर्व- भागवत की महिमा-

Started by Atul Kaviraje, September 08, 2025, 02:39:49 PM

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Atul Kaviraje

भागवत सप्ताह समाप्ती-

भागवत सप्ताह: भक्ति, ज्ञान और मोक्ष का महापर्व-

भागवत की महिमा-

सात दिनों की पावन कथा,
दूर करे मन की हर व्यथा।
ज्ञान की गंगा बहे यहाँ,
मिले जीवन को नई दिशा। 💫

अर्थ: सात दिनों तक चलने वाली यह पवित्र कथा मन की हर परेशानी को दूर कर देती है। यहाँ ज्ञान की नदी बहती है, जिससे जीवन को एक नई दिशा मिलती है।

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कथावाचक का मधुर स्वर,
मन को बाँधे अपनी ओर।
कृष्ण की लीला सुनाए वो,
जैसे मन में नाचे मोर। 🗣�🎶

अर्थ: कथावाचक की मधुर वाणी मन को अपनी ओर आकर्षित करती है। वह भगवान कृष्ण की लीलाएँ इस तरह सुनाते हैं, जैसे मन में मोर नाच रहा हो।

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शुकदेव ने कथा सुनाई,
राजा परीक्षित को मोक्ष दिलाई।
भागवत की है ये शक्ति,
जिसने जीवन की राह दिखाई। 📖

अर्थ: शुकदेव मुनि ने राजा परीक्षित को कथा सुनाई, जिससे उन्हें मोक्ष मिला। यह भागवत की ही शक्ति है, जिसने जीवन का सही मार्ग दिखाया।

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अंतिम दिन का हवन हुआ,
मन को हर दुख से धोया।
सबने मिलकर लिया प्रसाद,
भक्ति के सागर में खोया। 🔥🍚

अर्थ: अंतिम दिन हवन हुआ, जिसने मन को हर दुख से शुद्ध किया। सबने मिलकर प्रसाद ग्रहण किया और भक्ति के सागर में लीन हो गए।

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प्रसाद और भंडारे का मेल,
प्रेम का ये अनोखा खेल।
जाति-भेद सब मिट गए,
भक्ति की बहती है रेल। 🤝❤️

अर्थ: प्रसाद और भंडारे का यह मेल प्रेम का एक अनोखा खेल है। इसमें सभी जाति-भेद मिट जाते हैं और केवल भक्ति का ही प्रवाह होता है।

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आँखों में आँसू, मन में शांति,
समाप्त हुई कथा की भ्रांति।
अगले वर्ष का इंतजार,
मिलेगी फिर नई क्रांति। 🥺✨

अर्थ: आँखों में आँसू हैं, पर मन में शांति है, क्योंकि कथा की समाप्ति हो गई है। हम अगले वर्ष का इंतजार करेंगे, जब फिर से एक नई क्रांति (आध्यात्मिक बदलाव) आएगी।

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भागवत हमें ये सिखलाए,
प्रेम ही सच्चा धन है भाई।
कर्म करो, फल की चिंता न हो,
यही तो है जीवन की सच्चाई। 🕉�

अर्थ: भागवत हमें यह सिखाती है कि प्रेम ही जीवन का सच्चा धन है। कर्म करते रहो और फल की चिंता मत करो, क्योंकि यही जीवन का परम सत्य है।

--अतुल परब
--दिनांक-07.09.2025-रविवार.
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