महालयारंभ- महालय: भक्ति और शक्ति का पावन आरंभ-🌅🎶🙏🌸✨❤️🕯️🪔

Started by Atul Kaviraje, September 09, 2025, 02:17:03 PM

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Atul Kaviraje

महालयारंभ-

महालय: भक्ति और शक्ति का पावन आरंभ-

हिंदी कविता: महालय-

चरण 1
उषा की लाली छाई है,
माँ दुर्गा आज आई है।
पितृ पक्ष का अंत हुआ,
देवी का आगमन हुआ।

अर्थ: सुबह की लालिमा फैल गई है, क्योंकि माँ दुर्गा आज आ रही हैं। पितृ पक्ष का समय समाप्त हो गया है और देवी पक्ष का आगमन हो गया है।

चरण 2
शंखनाद की गूँज उठी,
भक्तों की भीड़ जुट गई।
शक्ति की ज्योत जगी है,
भक्ति की लहर उमड़ी है।

अर्थ: शंख की पवित्र ध्वनि चारों ओर गूँज रही है और भक्तों की भीड़ एकत्रित हो गई है। शक्ति की ज्योति जल उठी है और भक्ति की लहरें उमड़ रही हैं।

चरण 3
दशभुजा वाली माँ बैठी,
महिषासुर को ललकारती।
हाथों में अस्त्र-शस्त्र सजा,
धर्म की रक्षा करने चली।

अर्थ: दस भुजाओं वाली माँ दुर्गा बैठी हैं, महिषासुर को चुनौती दे रही हैं। उन्होंने अपने हाथों में अस्त्र-शस्त्र सजा रखे हैं और धर्म की रक्षा करने के लिए निकल पड़ी हैं।

चरण 4
फूलों से माँ का स्वागत हो,
दीपों से घर रोशन हो।
हर मन में भक्ति का भाव,
जीवन में आए नया प्रभाव।

अर्थ: फूलों से माँ का स्वागत हो रहा है और दीपों से हर घर रोशन हो गया है। हर व्यक्ति के मन में भक्ति का भाव है और जीवन में एक नया, सकारात्मक प्रभाव आ रहा है।

चरण 5
दुख-दर्द सब दूर भगाए,
माँ सब पर कृपा बरसाए।
अंधेरे को मिटा दे माँ,
प्रकाश की किरण फैला दे माँ।

अर्थ: माँ दुर्गा सारे दुख और दर्द को दूर कर देती हैं और सब पर अपनी कृपा बरसाती हैं। माँ अंधेरे को मिटा दें और चारों ओर प्रकाश की किरणें फैला दें।

चरण 6
नवरात्रि का आरंभ हुआ,
हर घर में उत्सव छाया।
भोग-प्रसाद की खुशबू,
आए माँ की अद्भुत खुशबू।

अर्थ: नवरात्रि का आरंभ हो गया है और हर घर में उत्सव का माहौल है। भोग और प्रसाद की खुशबू चारों ओर फैल रही है, और माँ की अद्भुत सुगंध आ रही है।

चरण 7
हे माँ! तेरी शरण में,
हम सब हैं तेरी शरण में।
कर दे भवसागर पार,
हम सब का बेड़ा पार।

अर्थ: हे माँ! हम सभी आपकी शरण में हैं। आप हमें इस संसार रूपी सागर से पार लगा दें और हमारी जीवन नैया को सुरक्षित पार कर दें।

इमोजी सारांश: 🌅🎶🙏🌸✨❤️🕯�🪔

--अतुल परब
--दिनांक-08.09.2025-सोमवार.
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