जैन धर्म:-✨ हिंदी कविता: अहिंसा की राह ✨-🧘‍♀️➡️🕊️➡️💎➡️🌱➡️🚫➡️⚖️➡️🙏➡️🤍➡️💙➡

Started by Atul Kaviraje, September 10, 2025, 09:24:19 PM

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Atul Kaviraje

🌎 विश्वकोश - जैन धर्म: एक प्राचीन भारतीय धर्म जो अहिंसा और तपस्या पर ज़ोर देता है 🧘�♀️-

✨ हिंदी कविता: अहिंसा की राह ✨-

पहला चरण (First Stanza) 🖋�

भारत की धरती पर, एक धर्म है न्यारा,
अहिंसा ही जिसका, सबसे बड़ा नारा।
महावीर ने दिया, ज्ञान का उजाला,
जैन धर्म है, शांति का रखवाला।

अर्थ: भारत की धरती पर एक अनोखा धर्म है, जिसका सबसे बड़ा सिद्धांत अहिंसा है। भगवान महावीर ने ज्ञान का प्रकाश फैलाया और जैन धर्म शांति का रक्षक है।

दूसरा चरण (Second Stanza) 🖋�

सम्यक दर्शन, ज्ञान, चरित्र के तीन रत्न,
इनमें ही छुपा है, जीवन का यत्न।
जो भी इनको मन से अपनाए,
मोक्ष का वो मार्ग पाए।

अर्थ: सम्यक दर्शन (सही विश्वास), सम्यक ज्ञान (सही ज्ञान) और सम्यक चरित्र (सही आचरण) ये तीन जीवन के अनमोल रत्न हैं। जो भी इन्हें अपनाता है, उसे मोक्ष का मार्ग मिलता है।

तीसरा चरण (Third Stanza) 🖋�

अहिंसा परमो धर्म, ये है सबका सार,
न मन में कोई हिंसा, न कोई विकार।
न बोलना बुरा, न करना बुरा,
हर प्राणी में देखो तुम, एक ही विचार।

अर्थ: अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है, यह सभी सिद्धांतों का सार है। मन में कोई हिंसा का विचार न हो, और न ही किसी के लिए बुरा बोलना या करना हो। हर प्राणी में हमें एक ही आत्मा देखनी चाहिए।

चौथा चरण (Fourth Stanza) 🖋�

कर्मों का बंधन है, ये दुनिया का खेल,
आत्मा को कर देता है, ये मैला-कुचैल।
तप से सारे बंधन को तोड़ो,
आओ, मुक्ति का तुम पथ जोड़ो।

अर्थ: इस दुनिया में कर्मों का बंधन है, जो हमारी आत्मा को गंदा कर देता है। तपस्या से हम इन सभी बंधनों को तोड़ सकते हैं और मुक्ति के मार्ग से जुड़ सकते हैं।

पाँचवाँ चरण (Fifth Stanza) 🖋�

सफेद वस्त्रों में श्वेतांबर,
आकाश को वस्त्र माने दिगंबर।
अलग राहें, पर एक ही मंज़िल,
मोक्ष की ओर, दोनों की मुश्किल।

अर्थ: इस चरण में जैन धर्म के दो प्रमुख संप्रदायों, श्वेतांबर (जो सफेद वस्त्र पहनते हैं) और दिगंबर (जो वस्त्र नहीं पहनते) का वर्णन है। दोनों की राह अलग-अलग हैं, लेकिन लक्ष्य एक ही है: मोक्ष प्राप्त करना।

छठा चरण (Sixth Stanza) 🖋�

मंदिरों की शोभा, गुंबज ऊँचे,
सत्य की कहानी हर पत्थर से पूछे।
वास्तु कला में भी ज्ञान की छाप,
अहिंसा का हर एक ताप।

अर्थ: जैन मंदिर बहुत सुंदर होते हैं और उनके ऊँचे गुंबज सत्य की कहानी बताते हैं। उनकी वास्तुकला में भी ज्ञान और अहिंसा का भाव छिपा है।

सातवाँ चरण (Seventh Stanza) 🖋�

सरल जीवन, दयालुता का भाव,
जैन धर्म का यही है स्वभाव।
न हो कोई द्वेष, न हो कोई पाप,
बस मन में हो, शांति का ताप।

अर्थ: जैन धर्म एक सरल जीवन जीने, दया और करुणा का भाव रखने पर जोर देता है। इस धर्म में कोई द्वेष या पाप नहीं होता, बस मन में शांति और शुद्धता होती है।

📝 इमोजी सारांश (Emoji Saransh) 📝
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--अतुल परब
--दिनांक-10.09.2025-बुधवार.
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