जैन धर्म: एक प्राचीन भारतीय धर्म जो अहिंसा और तपस्या पर ज़ोर देता है 🧘‍♀️-1-➡️

Started by Atul Kaviraje, September 10, 2025, 09:40:41 PM

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Atul Kaviraje

WORLD ENCYCLOPEDIA - विश्वकोश-
Jainism: Ancient Indian religion emphasizing non-violence and asceticism.

🌎 विश्वकोश - जैन धर्म: एक प्राचीन भारतीय धर्म जो अहिंसा और तपस्या पर ज़ोर देता है 🧘�♀️-

जैन धर्म (Jainism) भारत की श्रमण परंपरा से उत्पन्न एक प्राचीन धर्म है, जो आत्म-नियंत्रण, अहिंसा और आध्यात्मिक मुक्ति पर आधारित है। यह धर्म किसी एक ईश्वर की पूजा नहीं करता, बल्कि मानता है कि हर जीवित प्राणी में एक शाश्वत आत्मा होती है। जैन धर्म का मुख्य उद्देश्य आत्म-शुद्धि के माध्यम से 'केवल ज्ञान' (सर्वज्ञता) प्राप्त करना और जन्म-मृत्यु के चक्र से मोक्ष प्राप्त करना है।

🙏 विषय-वस्तु (Contents) 🕉�
जैन धर्म का परिचय (Introduction to Jainism)

तीर्थंकर और महावीर (Tirthankaras and Mahavira)

प्रमुख सिद्धांत (Core Principles)

अहिंसा (Ahimsa - Non-violence)

कर्म का सिद्धांत (The Theory of Karma)

दिगंबर और श्वेतांबर संप्रदाय (Digambara and Shwetambara Sects)

जैन धर्म में जीवन शैली और तपस्या (Lifestyle and Asceticism)

जैन कला और वास्तुकला (Jain Art and Architecture)

जैन धर्म का भारतीय समाज पर प्रभाव (Impact on Indian Society)

आधुनिक जैन धर्म और चुनौतियाँ (Modern Jainism and Challenges)

1. जैन धर्म का परिचय (Introduction to Jainism) 🇮🇳

जैन धर्म के अनुयायी 'जिन' (Jina) यानी 'विजेता' के अनुयायी कहलाते हैं, जिन्होंने अपनी इच्छाओं और इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर ली है। यह धर्म अपने आध्यात्मिक पथ में 24 तीर्थंकरों को मानता है, जिन्होंने आत्म-ज्ञान प्राप्त किया और दूसरों को मोक्ष का मार्ग दिखाया। यह धर्म विश्व की सबसे पुरानी जीवित परंपराओं में से एक है।

2. तीर्थंकर और महावीर (Tirthankaras and Mahavira) 👑

जैन धर्म में 24 तीर्थंकर हुए, जिनमें से पहले ऋषभनाथ और अंतिम भगवान महावीर (6वीं शताब्दी ईसा पूर्व) थे।

भगवान महावीर: महावीर ने कठोर तपस्या के बाद ज्ञान प्राप्त किया और जैन धर्म के सिद्धांतों को व्यवस्थित और प्रचारित किया। वे जैन धर्म के संस्थापक नहीं, बल्कि इसके सिद्धांतों को पुनर्जीवित करने वाले अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण तीर्थंकर माने जाते हैं। 🗿

3. प्रमुख सिद्धांत (Core Principles) 💎

जैन धर्म के प्रमुख सिद्धांत 'त्रिरत्न' (तीन रत्न) कहलाते हैं, जो मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करते हैं:

सम्यक दर्शन (Right Faith): तीर्थंकरों के उपदेशों और जैन धर्म के सिद्धांतों में सच्चा विश्वास।

सम्यक ज्ञान (Right Knowledge): आत्मा और कर्म के सही स्वरूप का ज्ञान।

सम्यक चरित्र (Right Conduct): जीवन में पाँच महाव्रतों का पालन।

4. अहिंसा (Ahimsa - Non-violence) 🕊�

जैन धर्म का सबसे महत्वपूर्ण और केंद्रीय सिद्धांत अहिंसा है। इसका अर्थ केवल शारीरिक हिंसा से बचना नहीं, बल्कि मन, वचन और कर्म से किसी भी जीव को चोट न पहुँचाना है।

पालन: जैन साधु और श्रावक (गृहस्थ) दोनों ही अहिंसा का पालन करते हैं, यही कारण है कि जैन शाकाहार का सख्ती से पालन करते हैं। ✋🌱

5. कर्म का सिद्धांत (The Theory of Karma) ⚖️

जैन दर्शन में कर्म को भौतिक कणों (कर्म-पुद्गल) के रूप में माना जाता है, जो हमारे कर्मों के आधार पर आत्मा से चिपक जाते हैं।

मोक्ष: इन कर्मों के संचय को हटाकर ही आत्मा को मोक्ष मिल सकता है। कठोर तपस्या और शुद्ध आचरण से ही यह संभव है, जिससे आत्मा अपने मूल शुद्ध रूप में वापस आती है। 🔄

📝 इमोजी सारांश (Emoji Saransh) 📝
🇮🇳➡️🙏➡️🧘�♀️➡️💎➡️🕊�➡️⚖️➡️🧑�🦲🤍💙➡️🕍➡️🌱➡️🌍

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-10.09.2025-बुधवार.
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