चतुर्थी श्राद्ध: पितृ पक्ष का चौथा दिन 🕉️🙏🕊️-: पितरों का आशीर्वाद 🕊️🙏-

Started by Atul Kaviraje, September 11, 2025, 03:01:06 PM

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Atul Kaviraje

चतुर्थी श्राद्ध-

चतुर्थी श्राद्ध: पितृ पक्ष का चौथा दिन 🕉�🙏🕊�-

हिंदी कविता: पितरों का आशीर्वाद 🕊�🙏-

चरण 1
आए हैं पितृ लोक से,
अपनी चतुर्थी तिथि पर।
देने हमको आशीर्वाद,
दूर करने हर श्राप को।
अर्थ: हमारे पूर्वज अपने लोक से अपनी चतुर्थी तिथि पर आए हैं, ताकि वे हमें आशीर्वाद दे सकें और हमारे जीवन के सभी श्रापों और नकारात्मकता को दूर कर सकें।

चरण 2
जल में तिल और चावल,
मन में श्रद्धा और भक्ति।
तर्पण करते हैं आज,
उनकी आत्मा की शांति।
अर्थ: हम जल में तिल और चावल मिलाकर, पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ तर्पण करते हैं, ताकि हमारे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिल सके।

चरण 3
ब्राह्मण भोजन दान करें,
वस्त्र और अन्न भी भेंट।
खुश होकर आशीर्वाद दें,
पूरी हो हर मनोकामना।
अर्थ: हम ब्राह्मणों को भोजन और वस्त्र दान करते हैं। इससे हमारे पूर्वज प्रसन्न होकर हमें आशीर्वाद देते हैं, जिससे हमारी सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।

चरण 4
कौवे, गाय और कुत्ते,
पाएँ भोजन आज का।
पितरों का रूप हैं ये,
मिलता है मोक्ष आज का।
अर्थ: आज के दिन हम कौवे, गाय और कुत्ते को भोजन देते हैं, क्योंकि उन्हें पितरों का रूप माना जाता है। इस कर्म से पितरों को मोक्ष मिलता है।

चरण 5
घर में छाए शांति,
दूर हो जाए सब विघ्न।
वंश बढ़े और सुख आए,
रहे सदा उनका आशीर्वाद।
अर्थ: श्राद्ध कर्म से घर में शांति आती है और सभी बाधाएँ दूर हो जाती हैं। परिवार में वृद्धि होती है और पितरों का आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ रहता है।

चरण 6
पूर्वजों की कहानी,
याद दिलाती है हमें।
अपनी जड़ों से जुड़ें,
सम्मान करें उनका सदा।
अर्थ: यह दिन हमें हमारे पूर्वजों की कहानियों और उनके योगदान को याद दिलाता है। यह हमें अपनी जड़ों से जुड़ने और उनका हमेशा सम्मान करने की प्रेरणा देता है।

चरण 7
श्राद्ध पक्ष का यह दिन,
देता है मुक्ति और प्यार।
पितृ ऋण से मुक्त हों,
खुशियों का हो संसार।
अर्थ: श्राद्ध पक्ष का यह दिन हमें मुक्ति और प्रेम देता है। इस कर्म से हम पितृ ऋण से मुक्त होते हैं और हमारा संसार खुशियों से भर जाता है।

--अतुल परब
--दिनांक-10.09.2025-बुधवार.
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